
CG breaking news -राजनांदगांव में शिक्षिका और कांग्रेस नेता विवादों में, आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के मानपुर क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहाँ एक शिक्षिका और कांग्रेस नेता को कथित रूप से आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा गया। घटना ने स्थानीय स्तर पर भारी बवाल खड़ा कर दिया है और अब यह मामला राजनीतिक और सामाजिक चर्चा का केंद्र बन चुका है।
निजी घर में मिले, सूचना पर परिजन पहुंचे
मामला तब बढ़ा जब स्थानीय लोगों की सूचना पर शिक्षिका के पति और कांग्रेस नेता की पत्नी मौके पर पहुंचे। यह दोनों व्यक्ति कथित रूप से राजस्व विभाग के एक कर्मचारी रेशम टेमरे के घर में मौजूद थे। आरोप है कि यह घर पहले से ही ऐसी गतिविधियों का केंद्र रहा है।
सूत्रों के अनुसार, जब परिजन मौके पर पहुँचे, तो वहां जमकर हंगामा और मारपीट हुई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आसपास के लोगों ने कई बार इन दोनों को पहले भी संदिग्ध अवस्था में देखा था।
कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया
इस मामले ने राजनीतिक मोड़ तब लिया जब जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत ठाकुर ने इस पर बयान दिया। उन्होंने कहा:
“पार्टी अनुशासन और सामाजिक मर्यादा के खिलाफ किसी भी आचरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि संबंधित प्रतिनिधि दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाएगा।”
प्रशासनिक जांच की मांग
घटना के बाद न सिर्फ शिक्षिका और कांग्रेस नेता की भूमिका पर सवाल उठे हैं, बल्कि राजस्व विभाग के बाबू रेशम टेमरे के घर का उपयोग बार-बार इस तरह की गतिविधियों के लिए होने पर विभाग की छवि भी सवालों के घेरे में आ गई है।
स्थानीय नागरिकों ने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस घटनाक्रम से समाज में गलत संदेश गया है और शिक्षक जैसे गरिमामय पेशे की छवि पर भी आंच आई है।
समाज में असर और राजनीतिक हलचल
इस मामले का प्रभाव सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर नहीं, बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भी महसूस किया जा रहा है। समाज के विभिन्न वर्गों ने ऐसी घटनाओं पर नाराजगी जताई है और सरकारी विभागों में आचरण की पारदर्शिता की मांग की है।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज है कि पार्टी इस मामले को लेकर क्या कदम उठाएगी, और क्या यह विवाद आगामी चुनावों को प्रभावित करेगा।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ का यह मामला न सिर्फ नैतिकता और मर्यादा की सीमाओं को छूता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सार्वजनिक जीवन में जिम्मेदारी और जवाबदेही कितनी ज़रूरी है। इस घटना को लेकर प्रशासन और राजनीतिक दलों की आगे की कार्रवाई पर पूरे राज्य की नजरें टिकी हुई हैं।
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