
Canada Election 2025: कनाडा के आम चुनाव में भारत विरोधी जगमीत सिंह की पार्टी एनडीपी को करारी शिकस्त मिली है, जिसके बाद जगमीत सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
कनाडा चुनाव 2025 के नतीजों में जगमीत सिंह की नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) 12 सीटें भी नहीं जीत सकी, जिससे पार्टी ने अपना राष्ट्रीय दर्जा खो दिया है।
हाईलाइट्स:
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हार के बाद जगमीत सिंह ने पार्टी प्रमुख पद से इस्तीफा देने की घोषणा की।
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एनडीपी को पूरे चुनाव में मात्र 7 सीटों पर जीत मिली।
कनाडा में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत सिंह को आम चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। इस हार के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वे तीसरी बार जीत की उम्मीद में बर्नबी सेंट्रल सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें लिबरल उम्मीदवार वेड चांग ने हरा दिया। जहां सिंह को लगभग 27% वोट मिले, वहीं वेड चांग को 40% से अधिक वोट प्राप्त हुए।
एनडीपी ने गंवाया राष्ट्रीय दर्जा
एनडीपी की इस हार के चलते पार्टी को 12 सीटों की आवश्यक संख्या पूरी न कर पाने के कारण राष्ट्रीय दर्जा गंवाना पड़ा। पार्टी केवल 7 सीटें ही जीत सकी। लिबरल पार्टी 165 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। खालिस्तानी विचारधारा से जुड़े माने जाने वाले जगमीत सिंह की हार के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट लिखा।
उन्होंने लिखा, “मैं जानता हूं कि यह रात न्यू डेमोक्रेट्स के लिए निराशाजनक रही है। लेकिन हम तभी हारते हैं जब हम उन लोगों की बातों पर यकीन करते हैं जो कहते हैं कि हम कभी बेहतर कनाडा का सपना नहीं देख सकते।“
46 वर्षीय सिंह ने स्वीकार किया कि वे इस प्रदर्शन से निराश हैं लेकिन अपनी पार्टी और आंदोलन को लेकर कुछ हद तक आशावान हैं।
जस्टिन ट्रूडो को भी हार
इस चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भी हार का सामना करना पड़ा। पहले के चुनाव में एनडीपी ने 24 सीटें जीती थीं और उसी के समर्थन से ट्रूडो की सरकार बनी थी। लेकिन इस बार हालात पूरी तरह बदल गए हैं।
अब खबर है कि लिबरल पार्टी के नेता मार्क कार्नी को नया प्रधानमंत्री चुना गया है। लिबरल पार्टी ने लगातार चौथी बार सरकार बनाने में सफलता हासिल की है। इससे पहले जनवरी में जस्टिन ट्रूडो ने पार्टी नेतृत्व से इस्तीफा दिया था और कार्नी को कमान सौंपी गई थी।
खालिस्तानी समर्थक नेता का इस्तीफा
खालिस्तानी समर्थक माने जाने वाले जगमीत सिंह का इस्तीफा भी इस चुनावी नतीजों का बड़ा असर माना जा रहा है। लंबे समय से वे भारत-विरोधी रुख अपनाते रहे हैं। 1984 के सिख विरोधी दंगे हों या नागरिकता संशोधन कानून (CAA), सिंह ने हमेशा भारत सरकार की आलोचना की है और खालिस्तान समर्थकों का मनोबल बढ़ाने वाले बयान दिए हैं।
कौन हैं जगमीत सिंह?
जगमीत सिंह भारतीय मूल के कनाडाई नेता हैं। उनका जन्म पंजाब के बरनाला जिले के ठीकरिवाल गांव में हुआ था। 1970 के दशक में उनका परिवार कनाडा चला गया था। राजनीति में आने से पहले वे वकालत किया करते थे। कनाडा में रहते हुए उन्होंने कई बार भारत के खिलाफ बयान दिए और खालिस्तानी विचारधारा का समर्थन किया।
इसके बाद जगमीत सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट भी लिखा,
“जगमीत सिंह ने लिखा, ‘मैं जानता हूं कि यह रात न्यू डेमोक्रेट्स के लिए निराशाजनक है। लेकिन हम तभी हारते हैं जब हम उन लोगों पर विश्वास करते हैं जो हमें बताते हैं कि हम कभी भी बेहतर कनाडा का सपना नहीं देख सकते हैं। 46 साल के सिंह ने कहा कि वह ‘निराश’ हैं कि एनडीपी अधिक सीटें नहीं जीत सकी।”