Brijmohan Singh Surrounded The Government-
छत्तीसगढ़ में जमीन गाइडलाइन दरों में बढ़ोतरी को लेकर राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है। भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने एक बार फिर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार इस फैसले को लेकर असमंजस की स्थिति में है और बिना अध्ययन व जनसुनवाई के निर्णय लिए जा रहे हैं।
“बिना पारदर्शिता के फैसले, सीधा असर आम जनता पर”

बृजमोहन का आरोप है कि गाइडलाइन दरों में बढ़ोतरी से…
-
किसानों
-
छोटे व्यापारियों
-
मध्यम वर्ग
…सभी पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि जमीन की खरीद-फरोख्त पहले ही मंद पड़ी है। ऐसे में स्टांप ड्यूटी और पंजीयन शुल्क बढ़ने से लोगों के लिए जमीन खरीदना और मुश्किल हो जाएगा।
पहले भी CM विष्णुदेव साय को लिख चुके हैं पत्र
सांसद अग्रवाल इससे पहले मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर चुके हैं। उन्होंने पत्र में कहा था कि:
-
कलेक्टर गाइडलाइन बढ़ोतरी बिना जन-परामर्श
-
बिना वास्तविक मूल्यांकन
-
और बिना सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का आकलन
के की गई है।
उन्होंने लिखा था कि इससे पूरे प्रदेश में असंतोष बढ़ रहा है और यह फैसला ‘इज ऑफ लिविंग’ और ‘इज ऑफ डूइング बिजनेस’ दोनों के विपरीत है।
उच्च-स्तरीय समिति बनाने की मांग
बृजमोहन ने सुझाव दिया कि सरकार एक उच्च स्तरीय समिति बनाए, जिसमें—
-
राजस्व विभाग के विशेषज्ञ
-
रियल एस्टेट प्रतिनिधि
-
किसान संगठन
शामिल हों, ताकि दरें व्यावहारिक और जनहित में तय हो सकें।
विपक्ष के तेवर कड़े, प्रदर्शन तेज


गाइडलाइन दर बढ़ने के बाद विपक्षी दल भी खुलकर विरोध कर रहे हैं।
-
कांग्रेस और आप ने सरकार और वित्त मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन किया
-
जगह-जगह पुतला दहन
-
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने 3 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निर्णय वापस न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी
