
Brijbhushan Sharan Singh -दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 26 मई को भाजपा नेता और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज पॉक्सो एक्ट का मामला समाप्त कर दिया। यह निर्णय उस वक्त आया जब शिकायतकर्ता रेसलर के परिवार ने अदालत में बयान देकर स्वीकार किया कि लड़की बालिग थी और झूठे बहकावे में आकर केस दर्ज कराया गया था।
बृजभूषण के वकील एपी सिंह ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मामला पहले दिन से ही कमजोर था। उनके अनुसार, शिकायतकर्ता ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जो अपने आप में एक दुर्लभ और संदिग्ध कदम था।
केस कमजोर क्यों था? वकील की 4 बड़ी दलीलें
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सीधा सुप्रीम कोर्ट जाना: आरोप लगाने वाली पहलवान ने किसी लोकल थाने या महिला आयोग में शिकायत नहीं की, बल्कि सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं।
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जंतर-मंतर पर राजनीतिक धरना: धरने में राजनीतिक नेताओं की मौजूदगी, गद्दा-बिस्तर, हलवाई आदि जैसी व्यवस्थाएं इसे प्रायोजित आंदोलन सिद्ध करती हैं।
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कम गवाह: 108 में से केवल 15 लोगों ने आरोपों के पक्ष में गवाही दी, जबकि कुल 44 गवाह थे, जिनमें से किसी ने घटना को प्रत्यक्ष नहीं देखा।
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बालिग लड़की की झूठी उम्र: लड़की ने जो जन्म प्रमाणपत्र दिया, वो फर्जी पाया गया। उसके असली प्रमाणपत्र के अनुसार वह घटना के समय बालिग थी।
रेसलर के परिवार के बयानों से हुआ केस का अंत
पहला बयान: रेसलर
रेसलर ने कोर्ट में माना कि उसने दबाव में आकर आरोप लगाए थे और वास्तविकता में ऐसी कोई घटना घटी ही नहीं थी।
दूसरा बयान: पिता
रेसलर के पिता ने कहा कि वह बहकावे में आकर बेटी की हार का बदला लेने के लिए यह केस लेकर आए। उन्हें झूठा जन्म प्रमाणपत्र बनाने के लिए भी उकसाया गया था।
तीसरा बयान: दादा
दादा ने शुरू से कहा कि लड़की बालिग थी और मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित था। उन्होंने कहा कि उनके बेटे को फेडरेशन से बदला लेने के लिए उकसाया गया।
चौथा बयान: दादी
दादी ने साफ कहा कि उनकी पोती बालिग थी और उसके साथ कोई गलत व्यवहार नहीं हुआ था। अगर होता, तो परिवार को पता चलता।
पुलिस रिपोर्ट और कोर्ट की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने जून 2023 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें कहा गया कि मामले में कोई ठोस सबूत नहीं हैं। रेसलर, उनके पिता, दादा और दादी के बयानों ने केस को पूरी तरह पलट दिया।
साजिश के आरोप और राजनीतिक एंगल
रेसलर के दादा ने आरोप लगाया कि पूरा मामला कुश्ती महासंघ पर कब्जा जमाने की साजिश थी। उन्होंने विनेश फोगाट और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल का नाम लेते हुए कहा कि असली साजिशकर्ताओं पर कार्रवाई होनी चाहिए।
धरने और आंदोलन का पूरा घटनाक्रम
18 से 20 जनवरी और फिर 23 अप्रैल से 25 जून 2023 तक पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना दिया। विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक इस आंदोलन के मुख्य चेहरे थे। उनकी मांग थी कि बृजभूषण को गिरफ्तार किया जाए।
बृजभूषण ने रेसलर को किया माफ
बृजभूषण के वकील ने कहा कि वे न तो मानहानि का केस करेंगे, और न ही फर्जी प्रमाणपत्र को लेकर कोई कार्रवाई करेंगे। उन्होंने इसे दूसरी लड़कियों के साथ अन्याय जरूर बताया।
फैसले के बाद बृजभूषण का ‘शक्ति प्रदर्शन’
27 मई को बृजभूषण शरण सिंह ने 60 से अधिक गाड़ियों के काफिले के साथ अयोध्या में शक्ति प्रदर्शन किया। सोशल मीडिया पर कई प्रतिक्रिया आईं, जिनमें सरकार और सिस्टम पर सवाल खड़े किए गए।