
Boycott Turkey
Boycott Turkey: भारत में बढ़ा तुर्की के खिलाफ विरोध, ड्रोन सपोर्ट से बिगड़े रिश्ते
नई दिल्ली, 14 मई 2025। हाल के भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कई नई परतें खोली हैं। इस घटनाक्रम के बीच तुर्की भारत विरोधी भूमिका के कारण केंद्र में आ गया है। तुर्की ने न सिर्फ पाकिस्तान का पक्ष लिया, बल्कि कथित तौर पर उसे सैन्य ड्रोन और रणनीतिक सहायता भी प्रदान की, जिससे भारत में आक्रोश और गहरा गया है।
तुर्की की भूमिका से भड़का विरोध
भारत में अब तुर्की के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। सोशल मीडिया से लेकर सार्वजनिक प्रदर्शन तक, ‘Boycott Turkey’ अभियान ने रफ्तार पकड़ ली है। तुर्की के समर्थन में अजरबैजान और उज्बेकिस्तान की कथित भूमिका ने भी इस विरोध को और उग्र बना दिया है।
भारत में लोकप्रिय तुर्की उत्पाद
भारतीय बाजारों में तुर्की के कई उत्पाद लोकप्रिय रहे हैं, लेकिन अब इनके बहिष्कार की मांग जोर पकड़ रही है। प्रमुख तुर्की उत्पादों में शामिल हैं:
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कालीन और फर्नीचर
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चीनी मिट्टी की वस्तुएं और सिरेमिक टाइल्स
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हाथ से बनी सजावटी चीज़ें और मोज़ेक आर्ट
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फैशन परिधान और कपड़े
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आभूषण और हैंडमेड ज्वेलरी
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हेज़लनट्स, किशमिश, अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स
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जैतून व जैतून तेल, हर्बल चाय और चॉकलेट
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प्रोसेस्ड फूड और मसाले
भारत-तुर्की व्यापार में गिरावट
तुर्की विरोधी भावना का असर व्यापार पर भी दिख रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और तुर्की का द्विपक्षीय व्यापार 10.43 अरब डॉलर था, जिसमें भारत ने 6.65 अरब डॉलर का निर्यात किया और 3.78 अरब डॉलर का आयात।
हालांकि, फरवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच इस व्यापार में गिरावट दर्ज की गई:
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भारत का निर्यात: 470 मिलियन डॉलर से घटकर 461 मिलियन डॉलर (2.06% की गिरावट)
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तुर्की से आयात: 375 मिलियन डॉलर से घटकर 143 मिलियन डॉलर (61.9% की भारी गिरावट)
देशभर में बहिष्कार की लहर(Boycott Turkey)
‘Boycott Turkey’ केवल सोशल मीडिया ट्रेंड नहीं, बल्कि एक व्यापक जन आंदोलन बनता जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तुर्की ने अपनी रणनीति में बदलाव नहीं किया, तो भारत के साथ उसके आर्थिक और कूटनीतिक संबंध और बिगड़ सकते हैं।
