
Bilaspur Student Protest
Bilaspur Student Protest -बिलासपुर में भूख हड़ताल पर बैठीं 3 छात्राओं की तबीयत बिगड़ी: डीपी विप्र कॉलेज को ऑटोनॉमस ग्रेड न मिलने पर विरोध तेज, हाईकोर्ट के आदेश का भी नहीं हुआ असर
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में डीपी विप्र कॉलेज को स्वायत्त (ऑटोनॉमस) दर्जा दिलाने की मांग को लेकर छात्रों का आंदोलन और तेज हो गया है। गुरुवार को अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय परिसर में छात्र-छात्राओं ने भूख हड़ताल शुरू कर दी, जिसके चलते तीन छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। गंभीर हालत में उन्हें सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आंदोलनकारी छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेशों की भी अवहेलना की है। वहीं कुलपति ने बयान दिया है कि वे इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में हैं।
▶ मामले की पृष्ठभूमि: हाईकोर्ट ने दिए थे स्पष्ट निर्देश
8 मई को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की एकलपीठ ने अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वह 30 दिनों के भीतर डीपी विप्र महाविद्यालय को स्वायत्त दर्जा प्रदान करे। इसके विरोध में यूनिवर्सिटी ने डबल बेंच में अपील की, जो खारिज हो गई। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, जिससे छात्रों में आक्रोश बढ़ गया।
छात्रों ने 2 जून और 11 जुलाई को दो ज्ञापन सौंपे। जब इन ज्ञापनों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 17 जुलाई को भूख हड़ताल शुरू कर दी गई।
▶ पुलिस ने की समझाइश, छात्र वार्ता की मांग पर अड़े
छात्रों की भूख हड़ताल के दौरान मौके पर नायब तहसीलदार विभोर यादव, सीएसपी सिद्धार्थ बघेल और कोनी थाना प्रभारी राहुल तिवारी पुलिस बल के साथ पहुंचे। उन्होंने छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन छात्र कुलपति से प्रत्यक्ष वार्ता की मांग पर अड़े रहे।
करीब 6 घंटे तक चले विरोध के दौरान अनसुमी खांडे, मीनाक्षी वाकड़े और भावना साहू की तबीयत बिगड़ गई। भावना की हालत ज्यादा गंभीर थी और एंबुलेंस उपलब्ध न होने पर पुलिस वाहन से सिम्स अस्पताल भेजा गया।
▶ कॉलेज प्रबंधन ने जताया समर्थन, दिया एक सप्ताह का अल्टीमेटम
कॉलेज प्रबंधन की ओर से प्राचार्य डॉ. अंजू शुक्ला, उप प्राचार्य डॉ. एमएस तंबोली और अन्य प्राध्यापक मौके पर पहुंचे। उन्होंने कुलपति से मुलाकात की और छात्रों से आंदोलन स्थगित करने की अपील की।
डॉ. शुक्ला ने छात्रों को आश्वस्त किया कि यदि एक सप्ताह के भीतर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो वे स्वयं छात्र-प्राध्यापकों के साथ मिलकर धरना देंगे।
▶ कुलपति का पक्ष: मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा
कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने स्पष्ट किया कि डीपी विप्र कॉलेज ने विश्वविद्यालय की अधिसूचना के बिना खुद को ऑटोनॉमस घोषित कर दिया और परीक्षाएं भी आयोजित कर लीं। यह मामला कॉलेज, यूजीसी और विश्वविद्यालय के बीच का है।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद कार्यपरिषद की सलाह पर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे संयम रखें और संबंधित जानकारी कॉलेज से प्राप्त करें।
निष्कर्ष: छात्रों का संघर्ष जारी, प्रशासन पर दबाव
भूख हड़ताल और तीन छात्राओं की बिगड़ी हालत के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन पर निर्णय लेने का दबाव बढ़ गया है। अगर अगले कुछ दिनों में समाधान नहीं निकलता, तो आंदोलन और तेज हो सकता है।
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