
Bilaspur News- बिलासपुर में केवाईसी अपडेट के नाम पर 26 लाख की ठगी, फर्जी बैंक अफसर बनकर की कॉल, तीन आरोपी गिरफ्तार
बिलासपुर में केवाईसी अपडेट के नाम पर एक व्यक्ति से 26 लाख 74 हजार 701 रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने खुद को बैंक अधिकारी बताकर कॉल किया और जानकारी लेकर ओटीपी के माध्यम से धोखाधड़ी को अंजाम दिया। पुलिस ने इस मामले में ओडिशा से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
कैसे हुई ठगी?
सकरी निवासी जॉनसन एक्का को एक अज्ञात कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को बैंक अफसर बताया। केवाईसी अपडेट करने के बहाने एक्का से बैंक संबंधित जानकारी और ओटीपी हासिल किया गया। कुछ ही समय बाद उनके खाते से लोन लेकर लाखों रुपये की ठगी की गई।
पुलिस की कार्रवाई
शिकायत के बाद सकरी थाना में मामला दर्ज हुआ और केस साइबर थाना रेंज को सौंपा गया। जांच के दौरान फर्जी खातों और सिम कार्ड का इस्तेमाल सामने आया। पुलिस ने साइबर पोर्टल से मिले डाटा और ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड के आधार पर आरोपियों की पहचान की।
ठगी करने वाले ट्रेस हो गए
पुलिस ने ठगी की रकम प्राप्त करने में इस्तेमाल बैंक खातों को चिह्नांकित कर बैंक खाता धारकों की जानकारी, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और घटना से संबधित तकनीकी जानकारी प्राप्त की । ये पता चलने पर कि आरोपी उड़ीसा प्रांत के निवासी हैं, विशेष टीम उन्हें पकड़ने के लिए रवाना हुई।
जहां नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अपनी टीम के साथ संदेही खाता धारक क्रूश्ना लूहा (42 वर्ष) निवासी दीपापल्ली थाना उलूंडा जिला सोनापुर उड़ीसा को थाना उलूंडा के स्टाफ के सहयोग से आरोपी के पते पर जाकर ढूंढा गया।
आरोपी कैसे पकड़े गए?
जांच में पता चला कि आरोपी ओडिशा के निवासी हैं। पुलिस टीम वहां रवाना हुई और नक्सल प्रभावित इलाके में दबिश देकर दीपापल्ली गांव से तीन आरोपियों—कृष्णा लूहा (42), गुलेख कुम्हार (40) और पंकज कुमार खैतान (44)—को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उन्होंने ठगी की बात स्वीकार की।
साइबर फ्रॉड से बचाव के उपाय
बिलासपुर पुलिस ने नागरिकों को साइबर अपराध से बचने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं:
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अपने बैंक खाता और सिम किसी अन्य को उपयोग के लिए न दें।
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अनजान कॉल पर बैंक या ओटीपी से संबंधित जानकारी साझा न करें।
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व्हाट्सएप ग्रुप या अनजान वेबसाइट से सावधान रहें।
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कोई भी व्यक्ति खुद को सरकारी अधिकारी बताकर यदि डराने की कोशिश करे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
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पार्सल, कस्टम या ड्रग्स जैसे बहाने बनाकर कॉल करने वालों से बचें।
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अज्ञात लिंक, ऐप या वेबसाइट से दूरी बनाए रखें।
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साइबर अपराध होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।