Bihar Sir Final Voter List -पटना। बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की फाइनल लिस्ट मंगलवार को जारी कर दी गई है। अब राज्य में कुल 7 करोड़ 42 लाख मतदाता हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, फाइनल लिस्ट से 69.29 लाख नाम हटाए गए हैं, जबकि 21.53 लाख नए नाम जोड़े गए हैं।
पहले 7.89 करोड़ थे वोटर्स
जून 2025 तक बिहार में 7.89 करोड़ पंजीकृत वोटर्स थे। पहली ड्राफ्ट लिस्ट आने के बाद यह घटकर 7.24 करोड़ हो गया था। तब 65.63 लाख नाम कटे थे। इनमें से करीब 17 लाख नाम बाद में फिर जोड़े गए।
कितने लोग क्यों हटे?
22.34 लाख लोग मृत पाए गए।
6.85 लाख लोगों के नाम दो जगह दर्ज थे।
36.44 लाख लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं।
जिलावार असर
पटना में 1.63 लाख नए वोटर्स जुड़े।
पहले मतदाता: 46.51 लाख
अब: 48.15 लाख
सारण में 2.24 लाख वोटर्स कम हुए।
पहले: 31.27 लाख
अब: 29.02 लाख
प्रक्रिया और उद्देश्य
24 जून 2025 को SIR की शुरुआत हुई।
2003 के बाद पहली बार यह प्रक्रिया हुई।
मकसद था-
मृत, डुप्लीकेट और शिफ्टेड वोटर्स हटाना
नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना
SIR के पहले चरण (25 जुलाई तक) में 99.8% कवरेज हासिल हुई। इसमें 7.24 करोड़ लोगों से फॉर्म लिए गए।
आधार को शामिल किया गया
शुरुआत में पहचान के लिए 11 दस्तावेज मान्य थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर को आदेश दिया कि आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में माना जाए। कोर्ट ने साफ किया कि आधार पहचान का सबूत है, नागरिकता का नहीं।
विपक्ष का विरोध
विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया से लाखों लोगों को वोटिंग के अधिकार से वंचित करने की साजिश हो रही है। उनका कहना है कि पिछले 22 साल में 5 चुनाव हो चुके हैं, तो क्या वे गलत थे? विपक्ष का तर्क है कि इसे चुनाव के बाद भी किया जा सकता था, इतनी जल्दबाजी क्यों?
अब पूरे देश में SIR
EC ने बताया कि बिहार की तर्ज पर देशभर में SIR होगा। हालांकि, जिन राज्यों में पहले ही यह प्रक्रिया हो चुकी है, वहां मतदाताओं को ज्यादा दस्तावेज नहीं दिखाने होंगे। जिनके नाम पहले से लिस्ट में हैं, उन्हें नए प्रमाण नहीं देने होंगे। 1987 के बाद जन्मे नए वोटर्स को पेरेंट्स के दस्तावेज दिखाने होंगे। नए वोटर्स को डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा, जिसमें जन्म की जानकारी देनी होगी।
