
Bhopal Iran Flag Controversy -भोपाल में मुहर्रम से पहले ईरान के झंडे लगे, खामेनेई के पोस्टर से राजनीति गरमाई | BJP और मुस्लिम संगठनों की प्रतिक्रिया आई सामने
Bhopal Iran Flag Controversy: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुहर्रम से पहले ईरान के झंडे और ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के पोस्टर लगने से विवाद गहराता जा रहा है। यह घटनाक्रम रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 के पास स्थित ईरानी डेरे में देखा गया, जहां सड़क और ओवरब्रिज पर भी ईरानी झंडे लहराते नजर आए।
ईरान समर्थक पोस्टर और झंडे से सियासत गर्म
जानकारी के मुताबिक, भोपाल के ईरानी डेरे में बड़े पैमाने पर ईरानी झंडे लगाए गए हैं। साथ ही, ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई और सैन्य अधिकारियों के पोस्टर भी सार्वजनिक स्थानों पर चिपकाए गए। घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
हिंदू संगठनों और बीजेपी ने जताया विरोध
संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“भारत में रहते हुए ईरान का प्रचार करना राष्ट्र के सम्मान के खिलाफ है। भारत माता की जय बोलने में संकोच और विदेशी विचारधारा का समर्थन — यह स्वीकार्य नहीं है।”
वहीं, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने इसे राष्ट्रीय संप्रभुता पर खतरा बताया और कहा:
“भारत में रहना है तो भारतीयता का सम्मान करना होगा। राष्ट्र की अखंडता से समझौता नहीं किया जाएगा। सरकार ने मामले की जांच शुरू कर दी है।”
मुस्लिम समाज और उलेमा बोर्ड ने दी प्रतिक्रिया
इस घटनाक्रम पर ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष काजी अनस अली ने बयान देते हुए कहा:
“मुसलमानों को बार-बार निशाना बनाना गलत है। ईरान-इजराइल युद्ध के समय भारत सरकार ने खुद ईरान से बातचीत की थी। ऐसे में एकतरफा विरोध से बचना चाहिए। अमेरिका और इजराइल जैसे देशों की नीतियों पर भी सवाल उठना चाहिए।”
कांग्रेस का तंज – कूटनीति समझें
मामले में कांग्रेस ने भाजपा और हिंदू संगठनों को नसीहत दी कि वे विदेश नीति और कूटनीति को समझें। प्रदेश महासचिव अमित शर्मा ने कहा:
“भारत के ईरान से ऐतिहासिक संबंध हैं। विदेश नीति को संप्रदाय के चश्मे से न देखें। भाजपा को अपने दोहरे रवैये से बाहर आना होगा।”
प्रशासन ने शुरू की जांच
भोपाल जिला प्रशासन और पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है और पोस्टर लगाने वालों की पहचान के लिए CCTV फुटेज की जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी और तेज हो सकती है।
निष्कर्ष:
भोपाल में ईरान समर्थक प्रतीकों के सार्वजनिक प्रदर्शन से सियासी हलचल तेज हो गई है। जहां एक ओर इसे राष्ट्रवाद से जोड़कर देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर यह विदेश नीति और धार्मिक स्वतंत्रता के दायरे में बहस का विषय भी बन चुका है।
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