Bastar news -: मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में हुए आतंकी हमले में असम राइफल्स के जवान रंजीत कुमार कश्यप शहीद हो गए। शनिवार को उनका पार्थिव शरीर विशेष विमान से रायपुर लाया गया, जहां जवानों ने उन्हें श्रद्धांजलि और सलामी दी।
🔹 रायपुर एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि


रायपुर एयरपोर्ट पर असम राइफल्स के जवानों ने शस्त्र सलामी दी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी पहुंचने वाले थे, लेकिन नहीं आ सके।
पार्थिव शरीर को एम्स रायपुर में रखा गया है।
🔹 अंतिम संस्कार की तैयारी
सोमवार सुबह पार्थिव शरीर को बस्तर के बालेंगा गांव ले जाया जाएगा।
पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
🔹 शहीद रंजीत कश्यप कौन थे?

शहीद रंजीत कश्यप बस्तर जिले के बालेंगा गांव के रहने वाले थे। रंजीत 2016 में असम राइफल्स में भर्ती हुए। ग्रामीणों और दोस्तों के मुताबिक रंजीत पिछले महीने ही छुट्टी पर गांव आए थे। करीब एक महीने तक अपने परिजनों के साथ रहे। इसके बाद 14 सितंबर को वह ड्यूटी पर लौटे थे।
गांव के दोस्तों ने बताया कि रंजीत ने अपने साथियों से कहा था कि सेवा के तीन साल बाकी हैं। इसके बाद रिटायर होकर गांव लौट जाऊंगा और बुजुर्ग माता-पिता का सहारा बनूंगा, लेकिन आज वह हमारे बीच नहीं है। हमारा अच्छा दोस्त था।
वहीं परिजन बताते हैं कि रंजीत का सपना देश की रक्षा करने का था। वह अपने परिवार का इकलौता बेटा था। अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और तीन बेटियों को छोड़ गए हैं। रंजीत की तीन बेटियां हैं। एक बहन की शादी भी बीएसएफ जवान से हुई है। शहादत की खबर मिलते ही गांव में शोक है।
🔹 मणिपुर हमले में कैसे शहीद हुए
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार शाम करीब 6 बजे बिष्णुपुर जिले के नांबोल सबल लीकाई इलाके में आतंकियों ने असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर हमला किया। अचानक हुई गोलीबारी में एक वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इस हमले में एक ऑफिसर और जवान रंजीत कुमार कश्यप शहीद हो गए।
इनके अलावा तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से एक की हालत नाजुक बताई जा रही है। वहीं, रंजीत कश्यप बस्तर के बालेंगा इलाके के रहने वाले थे। असम में अपनी सेवा दे रहे थे।
📌 निष्कर्ष:
बस्तर का बेटा रंजीत कश्यप देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। गांव में शोक की लहर है, लेकिन हर किसी को अपने वीर सपूत पर गर्व भी है।
