
Balrampur News-बलरामपुर में आरक्षक की हत्या मामला: मास्टरमाइंड समेत तीन रेत तस्कर गिरफ्तार, कुल गिरफ्तारियां हुईं आठ
बलरामपुर जिले के लिबरा गांव में अवैध रेत खनन और परिवहन को रोकने पहुंची पुलिस टीम पर हमले और आरक्षक शिव बचन सिंह की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या के मामले में पुलिस ने तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें मुख्य साजिशकर्ता भी शामिल है।
इन तीनों की गिरफ्तारी के साथ अब इस मामले में कुल आठ आरोपियों को पकड़ा जा चुका है। बिलासपुर हाईकोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने के बाद, पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए सात विशेष टीमों का गठन किया था। नए गिरफ्तार आरोपी उत्तर प्रदेश और झारखंड से पकड़े गए हैं।
घटना का विवरण
यह घटना 12 मई की रात लगभग 11 बजे की है, जब सनावल थाना अंतर्गत ग्राम लिबरा स्थित कनहर नदी घाट पर रेत के अवैध खनन की सूचना मिलने पर पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची थी। कार्रवाई के दौरान, एक ट्रैक्टर चालक ने जानबूझकर आरक्षक शिव बचन सिंह को कुचल दिया। घायल आरक्षक को रामानुजगंज अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई।
हाईकोर्ट का संज्ञान, जांच में तेजी
घटना के बाद बिलासपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए डीजीपी, खनिज विभाग और वन विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी किया। इसके बाद आईजी दीपक झा, कलेक्टर राजेन्द्र कटारा, एसपी वैभव बैंकर और डीएफओ आलोक बाजपेयी ने मौके पर पहुंचकर जांच की। एसपी ने आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश जारी किए और सात टीमें बनाई गईं।
मास्टरमाइंड और दो बेटे गिरफ्तार
बलरामपुर एसपी वैभव बैंकर ने जानकारी दी कि गिरफ्तार आरोपियों में नसीमुल हक उर्फ नसीम (65 वर्ष) और उसके दो बेटे हमीदुल हक उर्फ हमिद (20 वर्ष) और निजामुल हक उर्फ निजाम (26 वर्ष) शामिल हैं। ये सभी झारखंड के गढ़वा जिले के सेराजनगर थाना क्षेत्र के धुरकी गांव के निवासी हैं।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि नसीम इस पूरे रेत तस्करी नेटवर्क का मास्टरमाइंड है। उसके नौ बेटे हैं, जो सभी इस अवैध कारोबार में शामिल हैं। इनके पास दो ट्रैक्टर, दो हाईवा और एक जेसीबी मशीन है, जिनका इस्तेमाल अवैध खनन में किया जाता है। नसीम खुद रेत निकालकर झारखंड के परासपानी में डंप करता और वहीं से यूपी और झारखंड में बेचता था।
हत्या में शामिल ट्रैक्टर चालक भी पकड़ा गया
एसपी ने बताया कि घटना के समय लिबरा घाट पर तीन ट्रैक्टर थे, जिनके ड्राइवर आरीफुल हक, हमीदुल हक और उपेंद्र कोरवा पुलिस टीम को देख भागने लगे। इसी दौरान हमीदुल ने आरक्षक शिव बचन सिंह को जानबूझकर ट्रैक्टर से कुचल दिया और फरार हो गया। अन्य दो ड्राइवरों ने भी पुलिस टीम पर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया था।
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि नसीमुल ने उन्हें पहले ही निर्देश दिए थे कि यदि प्रशासनिक टीम अवैध खनन रोकने आए, तो उन पर ट्रैक्टर चढ़ा देना।
पहले से गिरफ्तार 5 आरोपी
इससे पहले पुलिस ने पांच अन्य आरोपियों – आरीफुल हक (24), जमील अंसारी (41), उपेंद्र कोरवा (25), शकील अंसारी (22) और अकबर अंसारी (50) – को गिरफ्तार किया था। अब तक इस मामले में कुल 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
अन्य नाम जांच के दायरे से बाहर
बलरामपुर एसपी ने यह भी बताया कि मास्टरमाइंड नसीमुल हक ही इस अवैध कारोबार का मुख्य सरगना है। हालांकि, गांव के लोगों ने शिकायत में रोहित यादव, विश्वकर्मा जी और शमशाद मोहम्मद के नाम भी लिए हैं, जिनके बारे में दावा किया गया कि वे भी रेत तस्करी के मास्टरमाइंड हैं और प्रतिदिन करीब 500 ट्रैक्टर रेत की तस्करी कर रहे थे।
फिलहाल, पुलिस की कार्रवाई में इन नामों को शामिल नहीं किया गया है। प्रशासन की सख्ती के बाद इन घाटों में रेत की तस्करी पर रोक लग गई है।
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