
Balochistan Not Pakistan
Balochistan Not Pakistan: बलूचिस्तान ने पाकिस्तान से आजादी का किया ऐलान, मीर यार बलूच ने भारत और वैश्विक समर्थन की मांग की
बलूचिस्तान में पाकिस्तान से अलग स्वतंत्र अस्तित्व की मांग अब और तेज़ होती जा रही है। बलूच नेता मीर यार बलूच ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में दो टूक शब्दों में लिखा है कि “बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है।” उन्होंने कहा कि बलूच जनता ने अपना निर्णय ले लिया है, और अब वैश्विक समुदाय को चुप्पी तोड़नी चाहिए।
बलूच नेता ने बुधवार को पाकिस्तान में लंबे समय से चल रहे सैन्य दमन, जबरन गायब किए जाने और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाते हुए स्वतंत्रता की घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बलूचिस्तान अब पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है, और उन्होंने भारत सहित वैश्विक ताकतों से समर्थन की अपील की है।

मीर यार बलूच ने अपने संदेश में लिखा कि बलूच लोग सड़कों पर हैं, अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनका कहना है कि “तुम मारोगे, हम झुकेंगे नहीं। हम अपना स्वाभिमान बचाएंगे। आओ, हमारा साथ दो।” उन्होंने इसे बलूच जनता का सामूहिक निर्णय बताया और कहा कि अब दुनिया को इस संघर्ष को अनदेखा नहीं करना चाहिए।
उन्होंने भारत के नागरिकों से आग्रह किया कि वे बलूच लोगों को पाकिस्तानियों की श्रेणी में न रखें, क्योंकि “हम पाकिस्तानी नहीं, बलूचिस्तानी हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान की सत्ताधारी व्यवस्था में पंजाबी समुदाय का प्रभुत्व है, जिसने कभी बलूच जनता की तरह सैन्य हमले, बमबारी, अपहरण या नरसंहार का सामना नहीं किया।

बलूच नेता ने भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान से पीओके खाली कराने की मांग को समर्थन देते हुए कहा कि बलूचिस्तान इस ऐतिहासिक कदम के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी अब पाकिस्तान से पीओके खाली करने का स्पष्ट दबाव बनाना चाहिए ताकि भविष्य में 1971 जैसी शर्मनाक सैन्य हार की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो इसके लिए केवल वहां के लालची सैन्य जनरल ही जिम्मेदार होंगे, जो पीओके की जनता को ‘मानव ढाल’ के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
बलूच नेता ने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान के एकतरफा दावों पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि आज तक पाकिस्तान यह साबित नहीं कर सका है कि बलूचिस्तान के नेताओं ने 27 मार्च 1948 को पाकिस्तान में विलय हेतु कोई आधिकारिक या कानूनी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे, और न ही किसी अंतरराष्ट्रीय या तीसरे पक्ष की उपस्थिति उस कथित विलय समारोह में रही थी।
अपने संदेश के अंत में मीर यार बलूच ने कहा कि जब बलूचिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की मान्यता प्राप्त हो जाएगी और हम पूर्ण स्वतंत्र राष्ट्र बन जाएंगे, तब हम शांति और सहयोग की भावना के साथ दुनिया के देशों से दीर्घकालिक आर्थिक एवं रणनीतिक संबंध स्थापित करेंगे। हम वैश्विक आर्थिक संकट, जलवायु परिवर्तन और गरीबी जैसी वैश्विक समस्याओं से निपटने में भी अपना योगदान देंगे।