
balasore suicide case
Balasore suicide case – ओडिशा के बालासोर जिले में स्थित फकीर मोहन स्वायत्त कॉलेज में एक 20 वर्षीय B.Ed छात्रा की आत्मदाह से हुई मौत ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। छात्रा ने 12 जुलाई को कॉलेज परिसर में खुद को आग लगा ली थी, और 14 जुलाई को उसकी मौत AIIMS भुवनेश्वर में हो गई। इस घटना ने राज्य की राजनीति और शिक्षा व्यवस्था में हड़कंप मचा दिया है।
‘प्रोफेसर सेक्शुअली हैरेस करते थे, प्रिंसिपल बोले- सबूत लेकर आओ’ – पिता का बयान
छात्रा के पिता ने कहा,
“मेरी बेटी कॉलेज में एक प्रोफेसर से परेशान थी। उसने सेक्शुअल हैरेसमेंट और टॉर्चर करने की कई बार शिकायत की, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने कोई एक्शन नहीं लिया। अप्रैल में उसकी एक दोस्त ने भी मुझे बताया कि अपराजिता (बदला हुआ नाम) के साथ कुछ गलत हो रहा है। मैंने प्रिंसिपल से शिकायत की, लेकिन सिर्फ भरोसा मिला। अगर समय पर कार्रवाई होती, तो शायद आज मेरी बेटी जिंदा होती।”
आरोप: HoD ने छात्रा से मांगा था ‘एहसान’
छात्रा ने अपने HoD समीर कुमार साहू पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। आरोपों के अनुसार, प्रोफेसर ने छात्रा से कहा था:
“मुझ पर एक एहसान करो, मैं तुम्हारे अटेंडेंस और मार्क्स के साथ कुछ नहीं करूंगा।”
जब लड़की ने पूछा कि कैसा एहसान? तो प्रोफेसर ने कहा:
“तुम इतनी समझदार हो कि समझ सको कि मैं तुमसे किस तरह का फायदा चाहता हूं। तुम्हें किसी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है।”
इस बारे में छात्रा ने 6 महीने पहले इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (ICC) को शिकायत दी थी, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
प्रिंसिपल ने शिकायत वापस लेने का दबाव डाला, माफी मांगने को कहा
FIR के अनुसार, 12 जुलाई को छात्रा को दोपहर 12 से 12:30 बजे के बीच प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष ने अपने ऑफिस में बुलाया। छात्रा के भाई के अनुसार,
“प्रिंसिपल ने मेरी बहन को चेतावनी दी – अगर तुमने शिकायत वापस नहीं ली, तो तुम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगी। तुम्हें अपनी जान देनी पड़ेगी।”
प्रिंसिपल ने उसे प्रोफेसर से माफी मांगने को भी कहा।

10 मिनट में आत्मदाह: पेट्रोल कहां से आया, कौन मददगार था – जांच जारी
प्रिंसिपल के ऑफिस से निकलने के मात्र 10 मिनट के भीतर छात्रा ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या किसी ने उसे पेट्रोल लाकर दिया। जांच में छात्रों की भूमिका की भी जांच हो रही है।
छात्रा 90% से अधिक जल चुकी थी, उसके फेफड़े, किडनी और दिल को गंभीर नुकसान हुआ था।
घटना की टाइमलाइन
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12 जुलाई: छात्रा द्वारा आत्मदाह; हालत गंभीर होने पर AIIMS भुवनेश्वर रेफर
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13 जुलाई: HoD समीर कुमार साहू गिरफ्तार
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14 जुलाई:
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प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष गिरफ्तार
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केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अस्पताल का दौरा किया
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी हालात का जायजा लिया
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रात 11:54 बजे AIIMS ने छात्रा की मृत्यु की पुष्टि की
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कानूनी कार्रवाई और आरोप
पुलिस ने समीर साहू और प्रिंसिपल घोष पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और धारा 75(1)(iii) (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया है। क्राइम ब्रांच और उच्च शिक्षा विभाग दोनों ने अलग-अलग जांच समितियां गठित की हैं।
राजनीतिक तूफान: विरोध प्रदर्शन, गिरफ्तारी, NH-16 पर ट्रैफिक जाम

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BJD और कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
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कांग्रेस ने घटना को संसद में उठाने की बात कही है।
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राहुल गांधी ने छात्रा के परिवार से बात कर न्याय का भरोसा दिया।
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BJD ने लोक सेवा भवन के सामने प्रदर्शन किया, जहां पुलिस से झड़प हुई।
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16 जुलाई को BJD द्वारा बुलाए गए बंद से बालासोर पूरी तरह ठहर गया।
कांग्रेस और महिला संगठनों का आक्रोश
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कांग्रेस नेता अलका लांबा ने CM माझी के इस्तीफे की मांग की।
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PM मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए।
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महिला कांग्रेस ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की।
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आरोप लगाया गया कि पुलिस राजनीतिक दबाव में कार्रवाई करने से डरती है।
निष्कर्ष: क्या सिस्टम ने एक बेटी को मरने पर मजबूर किया?
ओडिशा के इस आत्मदाह कांड ने न केवल राज्य की शिक्षा प्रणाली, बल्कि समाज में महिला सुरक्षा और शिकायतों की उपेक्षा जैसे गहरे मुद्दों को उजागर कर दिया है। एक बेटी की जान उस सिस्टम की असंवेदनशीलता की भेंट चढ़ गई जो उसे न्याय देने के लिए बनाया गया था।
अब देखना होगा कि इस मामले में न्याय कितना जल्दी और निष्पक्ष मिलता है।
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