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चंद्रपुर में फिर बाघ का आतंक, तेंदूपत्ता तोड़ने गई महिला पर जानलेवा हमला, दो दिन में चार महिलाओं की मौत
चंद्रपुर, 11 मई 2025। महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में बाघ के हमलों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को सिंदेवाही तहसील में तीन महिलाओं की मौत के बाद, रविवार को एक और दर्दनाक घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। मूल तहसील के महादवाड़ी गांव की रहने वाली 65 वर्षीय विमला बुधा डोंडे जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ते समय बाघ का शिकार बन गईं।
यह हादसा सुबह उस वक्त हुआ जब विमला अन्य महिलाओं के साथ महादवाड़ी पिंपळखुट बीट के कंपार्टमेंट नंबर 537 में तेंदूपत्ता इकट्ठा करने गई थीं। उसी दौरान झाड़ियों में छिपे एक बाघ ने अचानक हमला कर दिया। हमला इतना तेज था कि विमला की मौके पर ही मौत हो गई। आसपास मौजूद अन्य महिलाओं ने जब चीखें सुनीं, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
शनिवार को भी इसी तरह की घटना में सिंदेवाही तहसील में तीन महिलाओं की जान जा चुकी है। अब लगातार दो दिन में चार महिलाओं की मौत से पूरे जिले में दहशत का माहौल बन गया है।
तेंदूपत्ता सीजन बना जान का खतरा
इन दिनों चंद्रपुर जिले में तेंदूपत्ता संकलन का सीजन चल रहा है। बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं रोज़ जंगलों की ओर जा रही हैं ताकि तेंदूपत्ता इकट्ठा किया जा सके, जिससे उन्हें आजीविका मिलती है। लेकिन दूसरी ओर, भीषण गर्मी के चलते बाघों की जंगल में सक्रियता बढ़ गई है क्योंकि वे पानी की तलाश में बार-बार मानव बस्तियों के करीब आ रहे हैं। इसका परिणाम यह हो रहा है कि बाघों और इंसानों के बीच आमना-सामना लगातार हो रहा है।
ग्रामीणों में डर और नाराज़गी
महादवाड़ी गांव में हुई इस घटना के बाद गांव में भय और तनाव का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग और प्रशासन ने तेंदूपत्ता सीजन के दौरान सुरक्षा के कोई खास इंतजाम नहीं किए हैं। लोगों में रोष है और वे लगातार हो रहे हमलों को लेकर प्रशासन से कड़ी कार्रवाई और उचित व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।
वन विभाग की कार्रवाई शुरू
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। विभाग ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि बाघ की पहचान की जा रही है और भविष्य में ऐसे हमले रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
लगातार हो रहे हमलों से चिंता में प्रशासन
लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से जिला प्रशासन भी चिंतित है। वन्यजीवों की बढ़ती गतिविधियों के बीच ग्रामीणों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल बन गई है। वन विभाग पर इस सीजन में निगरानी बढ़ाने और प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी करने का दबाव बढ़ रहा है।
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