
Andhvishwas Crime -बीमार बेटे के इलाज के लिए पिता ने की मासूम की हत्या, 15 माह बाद खुला चौंकाने वाला सच
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में अंधविश्वास की वजह से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। सामरी थाना क्षेत्र के चटनिया पंचायत के कटईडीह निवासी 40 वर्षीय राजू कोरवा ने अपने बीमार बेटे के उपचार की उम्मीद में तीन वर्षीय मासूम अजय नगेसिया की बलि दे दी। इस मामले में पुलिस ने 15 महीने की लंबी और गहन जांच के बाद राजू को गिरफ्तार किया और उसके पास से बालक की खोपड़ी सहित अहम सबूत बरामद किए।
अपहरण से शुरू हुई कहानी
यह भयावह घटना 29 मार्च 2024 को घटित हुई, जब सबाग सुलुंगडीह गांव निवासी 24 वर्षीय बिरेंद्र नगेसिया अपने परिवार सहित महुआ फूल इकट्ठा करने झलबासा जंगल गया था। वहीं एक झाला बनाकर परिवार रुका हुआ था। 1 अप्रैल की सुबह अचानक उनके तीन साल के बेटे अजय नगेसिया के लापता होने की सूचना मिली, जिसके बाद परिजनों ने सामरी थाना में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई।
संदिग्ध झाड़-फूंक करने वाला निकला आरोपी
जांच के दौरान पुलिस को गांव के ही राजू कोरवा पर संदेह हुआ। वह झाड़-फूंक और टोटका करने का काम करता था और पीड़ित परिवार उससे संपर्क में था। उसने दावा किया था कि “बड़ी पूजा” करने से बच्चा मिल सकता है। प्रारंभिक पूछताछ में उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन उसकी गतिविधियों पर नजर रखते हुए पुलिस ने सख्ती से पूछताछ शुरू की।
हत्या का खुलासा: मिठाई का लालच देकर की थी निर्मम हत्या
आखिरकार पूछताछ के दबाव में राजू टूट गया और उसने कबूल किया कि उसका बड़ा बेटा मिर्गी और मानसिक विकार से पीड़ित था। उसे विश्वास था कि किसी मासूम की बलि देने से उसका बेटा ठीक हो जाएगा। 1 अप्रैल को उसने अजय को मिठाई और बिस्किट का लालच देकर अपने घर बुलाया और वहीं चाकू से उसकी गर्दन काटकर हत्या कर दी।
शव को तीन दिन तक छुपाया, फिर जला दिया
राजू ने शव को एक बोरे में भरकर तीन दिन तक घर में छिपाकर रखा। बाद में उसे बोड़ादह कोना नाले के पास ले जाकर जलाया। बालक का सिर उसने कपड़े में लपेटकर नाले के पास एक गड्ढे में दफना दिया। पुलिस ने तहसीलदार की मौजूदगी में गड्ढा खुदवाकर खोपड़ी और हड्डियों के अवशेष बरामद किए। हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू भी जब्त कर लिया गया।
पुलिस की 15 माह लंबी जांच में खुली परतें
सामरी थाना प्रभारी और पुलिस टीम की सतत निगरानी और गंभीर विवेचना के चलते 15 माह बाद इस जघन्य अपराध का पर्दाफाश हो पाया। पुलिस ने आरोपी राजू कोरवा को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और इस मामले में कड़ी कानूनी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
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