
Ahmedabad Plane Crash Insurance: बीमा कंपनियों को चुकाना पड़ सकता है ₹2400 करोड़ से ज्यादा, जानें बीमा नियम और भुगतान प्रक्रिया
गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास हाल में हुआ एयर इंडिया का विमान हादसा भारत के विमानन इतिहास का सबसे महंगा दुर्घटना साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस हादसे के बाद बीमा कंपनियों को ₹2400 करोड़ से अधिक की राशि का इंश्योरेंस क्लेम चुकाना पड़ सकता है।
कितनी हो सकती है बीमा कंपनियों की देनदारी?
जानकारों के अनुसार, हादसे का शिकार हुआ विमान एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था। इसके बीमा क्लेम की अनुमानित राशि $210 मिलियन से $280 मिलियन (भारतीय मुद्रा में लगभग ₹2400 करोड़) तक हो सकती है। विमान पूरी तरह नष्ट हो चुका है और 241 यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
विमान बीमा में क्या-क्या शामिल होता है?
एयरलाइंस कंपनियां आमतौर पर विमान की हुल इंश्योरेंस, स्पेयर पार्ट्स बीमा और लीगल लायबिलिटी के लिए इंश्योरेंस लेती हैं। एयर इंडिया ने भी अपने विमानों का बीमा GIC RE और टाटा AIG के साथ कराया है। यह बीमा यात्रियों की मौत और विमान की क्षति दोनों को कवर करता है।
बीमा राशि कैसे तय होती है?
बीमा मूल्यांकन विमान की घोषित वैल्यू पर आधारित होता है। VT-ABN रजिस्ट्रेशन वाला यह विमान वर्ष 2013 में निर्मित हुआ था। 2021 में इसकी इंश्योर्ड वैल्यू लगभग $115 मिलियन थी, जबकि आज इसकी वैल्यू $210-280 मिलियन के बीच मानी जा रही है, जो उसकी उम्र और कॉन्फ़िगरेशन पर निर्भर करती है।
क्या आतंकी हमला भी कवर होता है?
अक्सर एयरलाइंस ‘हुल वॉर रिस्क इंश्योरेंस’ भी लेती हैं, जो आतंकवादी हमले या युद्ध जैसी परिस्थितियों को कवर करता है। हालांकि, इस हादसे में अब तक किसी आतंकी एंगल की पुष्टि नहीं हुई है।
यात्रियों के परिवारों को कितना मिलेगा मुआवजा?
यात्रियों को मुआवजा ‘Montreal Convention 1999’ के अंतर्गत मिलेगा। इसके तहत एक मृत यात्री के परिजनों को अधिकतम 128,821 SDR (लगभग ₹1.54 करोड़) तक का मुआवजा मिल सकता है।
टाटा ग्रुप की ओर से मदद
टाटा ग्रुप, जो कि अब एयर इंडिया का मालिक है, ने प्रत्येक मृतक यात्री के परिवार को ₹1 करोड़ की अंतरिम सहायता देने की घोषणा की है। अंतिम भुगतान बीमा के आधार पर किया जाएगा।
इंश्योरेंस सेक्टर पर प्रभाव
इस हादसे के बाद भारत के एविएशन बीमा सेक्टर पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। अनुमान है कि बीमा प्रीमियम की दरें भविष्य में बढ़ सकती हैं। वर्तमान में भारत का एविएशन इंश्योरेंस मार्केट ₹900 करोड़ के आसपास है, लेकिन इतनी बड़ी बीमा देनदारी इसे चुनौती में डाल सकती है।