
मोहला-मानपुर, अंबागढ़ चौकी जिले के चिल्हाटी थाने पर रिश्वत के गंभीर आरोप: किसान से ली गई एक लाख की रकम, बाद में लौटाई गई
छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर, अंबागढ़-चौकी जिले के चिल्हाटी थाने में एक किसान और उसके साथियों को बैल परिवहन के मामले में हिरासत में लेने और एक लाख रुपए की रिश्वत लेकर रिहा करने का आरोप सामने आया है। यह मामला उस वक्त उजागर हुआ जब स्थानीय लोगों ने पहले ही थाने पर अवैध शराब बिक्री को संरक्षण देने का आरोप लगाकर घेराव किया था।
20 अप्रैल को, गढ़चिरौली जिले के कोरची तहसील के ग्राम खुनारा निवासी रिटायर्ड फौजी के परिवार ने अंबागढ़ चौकी विकासखंड के ग्राम पंचायत भडसेना के आश्रित ग्राम कोलियाटोला के किसान रामकुमार सलामे से एक जोड़ी बैल खरीदी। बैलों को पिकअप वाहन में डालकर महाराष्ट्र ले जाते वक्त चिल्हाटी थाना क्षेत्र में स्थित आबकारी चेक पोस्ट पर वाहन को रोक लिया गया। आरोप है कि पुलिस ने मवेशी तस्करी के शक में वाहन, बैल और उसमें सवार पांचों लोगों को पूरी रात थाने में रखा।
पीड़ितों का कहना है कि थाने से रिहा करने के एवज में एक लाख रुपए की मांग की गई और सुबह उक्त राशि देने के बाद उन्हें छोड़ा गया। बैल खरीदने वाले और बेचने वाले को पुलिस ने कानूनी धाराओं का हवाला देकर डरा-धमका कर परेशान किया।
मां के अंतिम संस्कार से पहले दी रिश्वत
बताया गया कि मथुर सिदराम नामक व्यक्ति, जो बैल खरीदने आए थे, उसी रात पुलिस हिरासत में थे जब उनकी मां की मृत्यु हो गई। उन्हें अपनी मां की अर्थी को कंधा देने के लिए पहले रिश्वत की रकम जुटानी पड़ी। गांव में लोगों से पैसे उधार लेकर दोबारा चिल्हाटी थाना पहुंचे, पैसा देने के बाद ही उन्हें बैल, वाहन और साथियों सहित छोड़ा गया। इसके बाद ही वे अपने गांव जाकर अंतिम संस्कार में शामिल हो सके।
रातभर भूखे-प्यासे थाने में रखा गया
पांचों लोगों को पूरी रात बिना खाना-पानी के थाने में बैठाए रखा गया। पीड़ितों के अनुसार, सुबह थाना प्रभारी रविशंकर डहरिया के सामने एक लाख पंद्रह हजार रुपए देने के बाद ही वे लोग छोड़े गए।
बैल की रकम भी जब्त की गई
बैल बेचने वाले किसान रामकुमार सलामे से भी बैल बिक्री की रकम 34,500 रुपए थाने में बुलाकर ले ली गई। दोनों पक्षों से रकम लेने के आरोप लगे हैं।
रिश्वत की रकम लौटाने पहुंची पुलिस
मामला उजागर होने से पहले ही पीड़ितों ने इसे पत्रकारों के सामने लाने की तैयारी की थी। 3 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस निर्धारित की गई थी, जिसकी सूचना थाना प्रभारी रविशंकर डहरिया को मिल गई। इसके बाद, 2 मई की शाम को पुलिस टीम महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के संवेदनशील क्षेत्र में पहुंची और पीड़ित परिवार से माफी मांगते हुए रिश्वत की राशि लौटाई। साथ ही पीड़ितों पर मामले को दबाने का दबाव भी बनाया गया।
थाना प्रभारी ने संपर्क से बचााव किया
इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया के लिए थाना प्रभारी रविशंकर डहरिया से बार-बार संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।