Mermaid Baby Born in Chhattisgarh -छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला अस्पताल में एक दुर्लभ मेडिकल केस सामने आया। यहां एक महिला ने ‘मरमेड सिंड्रोम’ (Sirenomelia) से पीड़ित बच्चे को जन्म दिया। नवजात के दोनों पैर जलपरी की तरह आपस में जुड़े हुए थे।
जन्म के लगभग तीन घंटे बाद शिशु की मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि यह राज्य का पहला और देश का दूसरा केस है।
🔹 जन्म के बाद डॉक्टर भी रह गए हैरान

28 वर्षीय महिला बुधवार सुबह लेबर पेन के बाद अस्पताल में भर्ती हुई थीं। जांच के बाद डॉक्टरों ने डिलीवरी कराई, लेकिन जो नज़ारा सामने आया, वह चौंकाने वाला था —
नवजात के दोनों पैर जुड़े हुए थे, जिससे वह एक जलपरी (Mermaid) जैसी आकृति में था।
डिलीवरी कराने वाली डॉ. रागिनी सिंह ठाकुर ने बताया कि
“शिशु का ऊपरी हिस्सा जैसे आंख, नाक और हृदय विकसित था, लेकिन रीढ़ की हड्डी से नीचे का हिस्सा जुड़ा हुआ था। बच्चे का वजन सिर्फ 800 ग्राम था।”
🔹 सोनोग्राफी में भी नहीं दिखा था असामान्य विकास
आमतौर पर ऐसी स्थिति सोनोग्राफी में पहले ही पकड़ में आ जाती है, लेकिन इस केस में डिलीवरी के बाद ही इसका पता चला।
डॉक्टरों के अनुसार, इसके कारण हो सकते हैं —
मां में पोषण की कमी
भ्रूण तक रक्त संचार में गड़बड़ी
दवाओं या पर्यावरणीय टॉक्सिन्स का प्रभाव
🔹 क्या है ‘मरमेड सिंड्रोम’?
‘मरमेड सिंड्रोम’ या सिरेनोमेलिया (Sirenomelia) एक दुर्लभ जन्मजात विकृति है। इसमें बच्चे के दोनों पैर आपस में जुड़े हुए होते हैं, जो जलपरी की पूंछ जैसी आकृति बनाते हैं।
इसमें शरीर के निचले हिस्से के किडनी, मूत्रमार्ग और जेनिटल्स पूरी तरह विकसित नहीं हो पाते।
अधिकतर ऐसे बच्चे जन्म के कुछ घंटे या कुछ दिनों में ही दम तोड़ देते हैं।
🔹 मरमेड सिंड्रोम के मुख्य कारण
गर्भवती महिला को डायबिटीज होना
जेनेटिक असामान्यता (Genetic Defect)
भ्रूण के निचले अंगों का शुरुआती विकास रुक जाना
🔹 लक्षण और पहचान
पैरों का जुड़ा होना
रीढ़ और हड्डियों का अविकसित रहना
आंतरिक अंगों का ठीक से न बनना
जननांगों की अस्पष्टता
🔹 दुनिया में अब तक केवल 300 केस
‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिप्रोडक्शन, कॉन्ट्रासेप्शन, ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी’ के अनुसार, दुनिया भर में अब तक केवल लगभग 300 केस दर्ज किए गए हैं।
भारत में इससे पहले 2016 में उत्तर प्रदेश में ऐसा मामला आया था, जिसमें नवजात जन्म के 10 मिनट बाद ही मर गया था।
📍छत्तीसगढ़ में पहला मामला
धमतरी जिले का यह केस राज्य का पहला और देश का दूसरा ‘मरमेड बेबी’ केस है।
डॉक्टरों ने कहा कि यह मेडिकल हिस्ट्री में दर्ज होने वाला एक अत्यंत दुर्लभ मामला है।
🩺 विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों के मुताबिक यह स्थिति लड़कों में लड़कियों की तुलना में तीन गुना ज्यादा पाई जाती है।
किडनी और हृदय का विकास न हो पाने की वजह से ऐसे बच्चों का जीवनकाल बहुत छोटा होता है।
