
Handmade Rakhi for Soldiers -रक्षाबंधन पर छात्राओं की अनोखी पहल, वीर जवानों के लिए भेजीं 100 से ज्यादा राखियां
छत्तीसगढ़ के सिहावा स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने रक्षाबंधन के अवसर पर एक प्रेरणादायक पहल करते हुए देश की सीमा पर तैनात वीर सैनिकों के लिए 100 से अधिक हस्तनिर्मित राखियां तैयार कीं और भेजीं।
छात्राओं ने कहा कि वे देश के इन सपूतों को भाई मानकर उन्हें राखी भेज रही हैं, ताकि त्योहार पर उन्हें घर की कमी न खले। उनका मानना है कि रक्षाबंधन केवल एक पारिवारिक पर्व नहीं, बल्कि सुरक्षा और समर्पण का प्रतीक भी है।
रक्षकों के लिए बहनों का तोहफा
इन छात्राओं ने अपने हाथों से रंग-बिरंगी राखियां बनाईं, जिनमें प्रेम, सम्मान और देशभक्ति की भावना झलकती है। उन्होंने बताया कि जब पूरा देश रक्षाबंधन मना रहा होता है, तब हमारे सैनिक सीमाओं पर तैनात रहते हैं।
इसलिए, उन्होंने तय किया कि वे राखी भेजकर उन वीरों को अपनापन और स्नेह का एहसास दिलाएंगी।
प्रधानाचार्य ने दी सराहना
विद्यालय के प्राचार्य एस. साहू ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि हमारे जवान अपने प्राणों की परवाह किए बिना देश की रक्षा करते हैं। छात्राओं की यह भावनात्मक पहल उनके प्रति आभार और सम्मान की प्रतीक है।
भाजपा महिला मोर्चा के सहयोग से हुई पहल
यह अभियान भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा के प्रदेश नेतृत्व के मार्गदर्शन में संचालित किया गया। छात्राओं द्वारा बनाई गई राखियां महिला मोर्चा की सदस्य प्रीति यदु को सौंपी गईं, जो इन्हें जवानों तक पहुंचाएंगी।
विद्यालय स्टाफ रहा उपस्थित
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकगण भी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से –वेदाराम सेन,गोविंद नारायण साहू ,हीरा मरकाम, दुष्यंत पुजारी, हरीश साहू, दिनेश यादव, हेमंत साहू, संजय शांडिल्य, नीलकमल ठाकुर, निशा साहू, योगमाया, नीतू जैन, तिलेश्वरी अटल, योगमाया मरकाम, रश्मि यदु शामिल रहे।
निष्कर्ष: शिक्षा के साथ संस्कार का सुंदर उदाहरण
सिहावा की इन छात्राओं की यह पहल बताती है कि आज की युवा पीढ़ी देश के प्रति संवेदनशील और जिम्मेदार है। यह सिर्फ एक राखी नहीं, बल्कि एक भावनात्मक बंधन है, जो देश की रक्षा में लगे जवानों और आम नागरिकों को जोड़ता है।
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