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ED arrest Chaitanya Baghel -: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया है।
ईडी ने चैतन्य पर शराब घोटाला, कोल घोटाला और महादेव ऐप से संबंधित हवाला ट्रांजेक्शन के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है। अधिकारियों के अनुसार, यह सबूत उनके करीबी सहयोगियों से पूछताछ के बाद सामने आए हैं।
कैसे हुआ चैतन्य का नाम उजागर?
ईडी की जांच टीम ने 10 मार्च 2025 को बस्तर, भिलाई और रायपुर में एक साथ छापे मारे थे। ये छापे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, व्यवसायी पप्पू बंसल, शराब कारोबारी विजय अग्रवाल और अन्य के ठिकानों पर हुए।
कार्रवाई के दौरान अधिकारियों ने दस्तावेज़, पेन ड्राइव और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए। पूछताछ में सामने आया कि चैतन्य को पप्पू बंसल और विजय अग्रवाल के जरिये हवाला के माध्यम से रकम पहुंचाई गई थी।
हवाला से निवेश का खुलासा
ईडी ने अदालत में बताया कि चैतन्य बघेल को हवाला चैनल के माध्यम से कई राज्यों में पैसे निवेश करने के सबूत मिले हैं। ये जानकारी एक होटल कारोबारी के यहां 15 जुलाई को हुई रेड से भी मिली।
पकड़े गए कारोबारी ने यह स्वीकार किया कि उसने चैतन्य को हवाला नेटवर्क के ज़रिये पैसे ट्रांसफर किए और उसका सीधा संबंध महादेव ऐप के ऑपरेटर्स से है।
महादेव ऐप और राजस्थान कनेक्शन
ईडी की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ कि जिस होटल कारोबारी के यहां रेड हुई, वह महादेव ऐप के फाइनेंसर की शादी में राजस्थान में शामिल हुआ था। इसी व्यक्ति ने चैतन्य के महादेव ऐप से लिंक की पुष्टि की।
पीएम मोदी के आरोप: चैतन्य बने थे ‘सुपर सीएम’
2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक मंच से चैतन्य बघेल पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सरकार में चैतन्य “सुपर सीएम” की भूमिका निभा रहे थे और प्रदेश की संपत्ति का दुरुपयोग हो रहा था।
पीएम ने आरोप लगाया था कि जनता के बीच चैतन्य का हस्तक्षेप इतना बढ़ गया था कि खुद मुख्यमंत्री के लिए दोबारा विधायक बनना मुश्किल हो गया।
चैतन्य बघेल का प्रोफाइल
चैतन्य ने प्रारंभिक शिक्षा रायपुर के महर्षि विद्या मंदिर से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने शंकराचार्य यूनिवर्सिटी भिलाई से बीकॉम और भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एमबीए किया।
वो रियल एस्टेट सेक्टर में सक्रिय हैं और विट्ठलपुरम व विट्ठलग्रीन्स जैसे प्रोजेक्ट्स में उनकी भूमिका रही है। हालांकि, अब तक उन्होंने कांग्रेस संगठन में कोई औपचारिक जिम्मेदारी नहीं ली है।
राजनीति में आने की थी तैयारी
कांग्रेस सरकार के समय चैतन्य को राजनीति में उतारने की योजना थी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भूपेश बघेल को जब राजनांदगांव से टिकट दिया गया था, तब चैतन्य को पाटन विधानसभा सीट से मैदान में उतारने पर विचार हुआ था। लेकिन राजनीतिक हालात अनुकूल नहीं रहे।
पहले भी आ चुके हैं विवादों में
जुलाई 2024 में हुए प्रोफेसर विनोद शर्मा पर हमले के मामले में भी चैतन्य का नाम सामने आया था। इस केस की जांच के दौरान उनसे पूछताछ हुई थी, हालांकि तब तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई थी।
निष्कर्ष: ईडी की जांच में और भी खुलासे संभव
ईडी की जांच अब भी जारी है और संभावना है कि आने वाले समय में इस मामले से जुड़े और बड़े नाम सामने आएंगे। चैतन्य की गिरफ्तारी के बाद बघेल परिवार पर राजनीतिक और कानूनी दबाव बढ़ गया है।
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