
LIC Stake Sale
LIC Stake Sale: LIC में अल्पमत हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, 10% सार्वजनिक शेयरधारिता नियम को पूरा करने की तैयारी
नई दिल्ली |
भारत सरकार अब देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) में अपनी हिस्सेदारी और घटाने की योजना पर काम कर रही है। यह कदम 2027 तक 10% न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता अनिवार्यता को पूरा करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
वर्तमान में सरकार के पास है 96.5% हिस्सेदारी
सरकार के पास फिलहाल LIC में 96.5% हिस्सेदारी है। मई 2022 में IPO के माध्यम से 3.5% हिस्सेदारी 902–949 रुपये प्रति शेयर के मूल्य बैंड में बेची गई थी। इससे सरकार को करीब 21,000 करोड़ रुपये की आय हुई थी।
OFS के जरिए होगी अगली बिक्री
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने Offer For Sale (OFS) के ज़रिए LIC में हिस्सेदारी घटाने को मंजूरी दे दी है। हालांकि यह योजना अभी प्रारंभिक चरण में है और विनिवेश विभाग इस सौदे की विस्तृत रूपरेखा तैयार कर रहा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक:
“बाजार की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए सही समय पर हिस्सेदारी की मात्रा, मूल्य और तारीख तय की जाएगी।”
16 मई 2027 तक है सार्वजनिक हिस्सेदारी की डेडलाइन
SEBI के नियमों के अनुसार, किसी भी लिस्टेड सरकारी कंपनी में कम से कम 10% हिस्सेदारी जनता के पास होनी चाहिए। इसका अर्थ यह है कि सरकार को कम से कम 6.5% और हिस्सेदारी LIC में बेचनी होगी।
एलआईसी का मौजूदा बाजार मूल्यांकन
वर्तमान में LIC का मार्केट कैपिटलाइजेशन 5.85 लाख करोड़ रुपये है। BSE पर इसका शेयर 924.40 रुपये पर ट्रेड कर रहा है, जो कि पिछले बंद भाव से 2.27% कम है।
क्या कहती हैं बाजार की संभावनाएं?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि बाजार की स्थिति अनुकूल रहती है, तो यह डील सरकार के लिए एक बड़ा राजस्व स्रोत बन सकती है। साथ ही, यह स्टेप एलआईसी को अधिक पारदर्शिता और कॉर्पोरेट गवर्नेंस की दिशा में भी आगे ले जाएगा।
निष्कर्ष:
सरकार की यह रणनीति न केवल निवेशकों के लिए एक मौका है, बल्कि यह LIC के कॉर्पोरेट ढांचे को और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और जिम्मेदार बनाने की दिशा में भी अहम कदम साबित हो सकती है।
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