
Shekhar Dutt Biography
Shekhar Dutt Biography -1971 भारत-पाक युद्ध के हीरो थे शेखर दत्त: सेना में कप्तान, पाकिस्तान से जीते दो इलाके, फिर बने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल और डिप्टी NSA
छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त का 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। बहुत कम लोग जानते हैं कि दत्त सिर्फ एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी या राज्यपाल ही नहीं, बल्कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शामिल बहादुर भारतीय सेना के कैप्टन भी रहे हैं। उन्होंने उस ऐतिहासिक युद्ध में थारपारकर और नगरपरकर जैसे दो पाकिस्तानी क्षेत्र जीतने में अहम भूमिका निभाई थी।
दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार किया गया। सेना से लेकर प्रशासन और राष्ट्रीय सुरक्षा तक—शेखर दत्त का जीवन राष्ट्रसेवा की मिसाल है।
सेना में वीरता, मानेक शॉ से मिला मेडल

शेखर दत्त ने शॉर्ट सर्विस कमीशन के जरिए भारतीय सेना की इन्फेंट्री में भर्ती ली थी। 1971 की जंग के दौरान वे राजस्थान और गुजरात की सीमा से लगे सिंध इलाके में तैनात थे। आधुनिक T-55 टैंकों और आर्टिलरी से लैस भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक बढ़त बनाई।
उन्होंने थारपारकर और नगरपरकर जैसे पाकिस्तानी क्षेत्रों पर कब्जा किया। उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सेना प्रमुख सैम मानेक शॉ ने उन्हें वीरता पदक प्रदान किया था।
युद्ध के बाद बना प्रशासनिक करियर, फिर डिप्टी NSA
सेना में कार्यकाल पूरा करने के बाद शेखर दत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल हुए और मध्य प्रदेश कैडर से कई मंत्रालयों और विभागों में उच्च पदों पर कार्यरत रहे। वे डिफेंस सेक्रेटरी, डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (Deputy NSA) और अंत में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल (2010) भी रहे।
एक नज़र: शेखर दत्त का करियर प्रोफाइल
सेना में योगदान:

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1971 भारत-पाक युद्ध में भागीदारी
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दो पाकिस्तानी क्षेत्रों पर कब्जा
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कैप्टन रैंक में सेवा
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मानेक शॉ से वीरता पदक प्राप्त
प्रशासनिक पद:

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IAS अधिकारी (MP कैडर)
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रायपुर के डिविजनल कमिश्नर (1985)
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रक्षा मंत्रालय में डायरेक्टर (नौसेना)
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संयुक्त सचिव, रक्षा मंत्रालय (1991-96)
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बोर्ड मेंबर: BEL, BEML, MDL, BDL, GRSE, Goa Shipyard
खेल और शिक्षा क्षेत्र:
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प्रमुख सचिव: स्कूल शिक्षा, आदिवासी कल्याण
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डायरेक्टर जनरल: भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) (2001)
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2002 Commonwealth Games में भारत के सर्वाधिक पदक जीतने का रिकॉर्ड
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2003 Afro-Asian Games का सफल आयोजन
स्वास्थ्य और रणनीतिक सुरक्षा:
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स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव (2003)
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रक्षा सचिव (2005–2007)
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उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (2007–2009) — रणनीतिक रक्षा नीति निर्माण में योगदान
सोनमणि बोरा ने साझा की आखिरी बातचीत

IAS अधिकारी सोनमणि बोरा ने सोशल मीडिया पर बताया कि हाल ही में हुई बातचीत में शेखर दत्त ने 1971 युद्ध के अनुभव साझा किए थे। उन्होंने बताया कि वे 10 पैरा कमांडो के CO कर्नल भवानी सिंह के साथ बाड़मेर से पाकिस्तानी सीमा में पेट्रोलिंग करते थे। दत्त की बहादुरी और देशभक्ति हर बातचीत में झलकती थी।
गुजरात में उनके नाम पर सड़क

धारंगधारा (गुजरात) में एक सड़क ‘कैप्टन शेखर दत्त मार्ग’ के नाम से है, जो उनकी सैन्य सेवा की स्मृति को जीवित रखती है।
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