
Astronaut Shubhanshu Shukla Space Mission
Astronaut Shubhanshu Shukla Space Mission -PM मोदी ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से की बातचीत: बोले- अंतरिक्ष से भारत भव्य दिखता है, दिन में 16 बार सूर्योदय-सूर्यास्त देखते हैं
नई दिल्ली/अंतरिक्ष स्टेशन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से वीडियो कॉल पर बातचीत की, जो एक्सियम मिशन 4 (Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने शाम 5:49 बजे इस संवाद का वीडियो जारी किया। दोनों के बीच 18 मिनट 25 सेकंड तक गहन संवाद हुआ।
शुभांशु ने बताया कि अंतरिक्ष से भारत अत्यंत भव्य नजर आता है और वे प्रतिदिन 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त का दृश्य देखते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने शुभांशु से कई रोचक सवाल किए, जिनमें उनके द्वारा ले जाए गए गाजर का हलवा और आमरस का भी जिक्र हुआ।
अंतरिक्ष से भारत का दृश्य देख भावुक हुए शुभांशु
शुभांशु शुक्ला ने कहा –
“अंतरिक्ष से भारत को देखना अत्यंत भावुक क्षण था। भारत सीमाओं से परे एक विराट छवि के रूप में दिखता है। यहाँ से देखकर महसूस होता है कि पृथ्वी पर कोई बॉर्डर नहीं है, हम सब एक ही इंसानियत के हिस्से हैं।”
उन्होंने यह भी साझा किया कि वहां शून्य गुरुत्वाकर्षण (Zero Gravity) की स्थिति में चलना और सोना चुनौतीपूर्ण है। इसलिए, उन्होंने प्रधानमंत्री से बात करते समय अपने पैर बांध रखे थे।
भारत की सांस्कृतिक झलक अंतरिक्ष में
प्रधानमंत्री मोदी ने जब पूछा कि वे गाजर का हलवा लेकर गए थे, तो शुभांशु ने जवाब दिया:
“मैं गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस लेकर गया था। मैंने यह सुनिश्चित किया कि मेरे अंतरराष्ट्रीय साथी भारत की समृद्ध पाक विरासत का आनंद ले सकें। सभी को भारतीय मिठाईयां बेहद पसंद आईं।”
उन्होंने बताया कि उन्होंने हाल ही में अंतरिक्ष स्टेशन में तिरंगा फहराया, जो उनके लिए अत्यंत गर्व का क्षण था।

Ax-4 मिशन का उद्देश्य और प्रयोग
शुभांशु 14 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेंगे और इस दौरान भारतीय शिक्षण संस्थानों द्वारा तैयार 7 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें मुख्य रूप से मानव स्वास्थ्य और जैविक अध्ययन शामिल हैं।
साथ ही, वे NASA के साथ मिलकर 5 अन्य प्रयोग करेंगे, जो दीर्घकालिक अंतरिक्ष मिशनों के लिए डेटा उपलब्ध कराएंगे। ये प्रयोग भारत के आगामी गगनयान मिशन (2027) के लिए उपयोगी साबित होंगे।
ध्यान और माइंडफुलनेस का भी जिक्र
प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या मेडिटेशन का उन्हें लाभ मिला?
शुभांशु ने जवाब दिया कि माइंडफुलनेस और ध्यान की तकनीकें उन्हें तनावपूर्ण परिस्थितियों में निर्णय लेने में बहुत मदद करती हैं। यह अंतरिक्ष जैसे चुनौतीपूर्ण वातावरण में अत्यंत उपयोगी साबित होती हैं।
शुभांशु शुक्ला कौन हैं? (6 जरूरी सवाल-जवाब)
1. शुभांशु शुक्ला कौन हैं?

उत्तर: 1986 में लखनऊ (UP) में जन्मे शुभांशु शुक्ला NDA पास कर 2006 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए। वे एक फाइटर पायलट हैं और ISRO के गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार भारतीयों में शामिल हैं।
2. उन्होंने क्या खास तैयारी की?
उत्तर: शुभांशु ने अमेरिका और रूस में विशेष ट्रेनिंग ली है, जिसमें माइक्रोग्रेविटी में कार्य करना, इमरजेंसी सिचुएशन हैंडलिंग, और साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट शामिल हैं।
3. अंतरिक्ष में वे क्या कर रहे हैं?
उत्तर: वे 14 दिनों तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रहकर 12 वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं — 7 भारत के संस्थानों के, और 5 NASA के साथ मिलकर।
4. भारत ने इस मिशन पर कितना खर्च किया?
उत्तर: भारत सरकार ने इस मिशन पर लगभग ₹548 करोड़ खर्च किए हैं, जिसमें उनकी और बैकअप एस्ट्रोनॉट प्रशांत नायर की ट्रेनिंग भी शामिल है।
5. क्या ये प्राइवेट मिशन है?
उत्तर: हां, Ax-4 मिशन एक प्राइवेट मिशन है, जो अमेरिका की एक्सियम स्पेस कंपनी और NASA के सहयोग से संचालित हो रहा है। यह इस कंपनी का चौथा मिशन है।
6. ये भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: यह मिशन भारत को गगनयान जैसी बड़ी परियोजनाओं के लिए आवश्यक डेटा, अनुभव और वैश्विक सहयोग का प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है।
Ax-4 मिशन: क्यों है खास?
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6 बार लॉन्च टला: खराब मौसम और तकनीकी कारणों से।
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उद्देश्य: अंतरिक्ष में नई तकनीकों का परीक्षण, वैज्ञानिक अनुसंधान और प्राइवेट स्पेस स्टेशन की तैयारी।
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भविष्य की योजना: एक्सियम का उद्देश्य एक कॉमर्शियल स्पेस स्टेशन बनाना है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) क्या है?
ISS पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थित एक वैज्ञानिक प्रयोगशाला है, जहां विभिन्न देश के अंतरिक्ष यात्री मिलकर रिसर्च करते हैं। यह हर 90 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा करता है और 28,000 किमी/घंटा की रफ्तार से चलता है।
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