
KK Shrivastav Arrested : भोपाल से गिरफ्तार हुआ केके श्रीवास्तव, नेताओं के लिए कराता था तांत्रिक पूजा, 15 करोड़ की ठगी में नाम शामिल
रायपुर, 22 जून 2025।
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित स्मार्ट सिटी घोटाले में फरार चल रहे स्वयंभू तांत्रिक और कारोबारी केके श्रीवास्तव को ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने भोपाल से गिरफ्तार कर लिया है। श्रीवास्तव पर आरोप है कि उसने खुद को पूर्व मुख्यमंत्री का करीबी बताकर दिल्ली की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी से 500 करोड़ के ठेके का झांसा देकर 15 करोड़ की ठगी की।
केके श्रीवास्तव लंबे समय से फरार था और प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी उसकी तलाश कर रही थी। जानकारी मिलने पर ईओडब्ल्यू की टीम ने भोपाल के एक होटल से उसे गिरफ्तार किया और रायपुर लाकर कोर्ट में पेश करने की तैयारी में है।
तेलीबांधा थाने और ईडी में दर्ज हैं केस
दिल्ली की रावत एसोसिएट्स कंपनी के एडमिन मैनेजर अजय कुमार ने रायपुर के तेलीबांधा थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में बताया गया कि केके श्रीवास्तव ने खुद को राजनीतिक रसूख वाला बताकर उनके मालिक अर्जुन रावत को झांसे में लिया और फर्जी दस्तावेजों के जरिये करोड़ों रुपये की ठगी की। श्रीवास्तव के साथ उसका बेटा कंचन श्रीवास्तव भी इस मामले में सह-आरोपी है।
नेताओं के लिए कराता था तांत्रिक पूजा, खातों में 300 करोड़ का लेन-देन
एफआईआर में यह भी दर्ज है कि श्रीवास्तव छत्तीसगढ़ के बड़े नेताओं के लिए तांत्रिक पूजा करता था। हालांकि आरोप में किसी राजनीतिक दल का नाम स्पष्ट रूप से नहीं है, लेकिन बताया गया है कि आरोपी कांग्रेस सरकार में कई प्रभावशाली चेहरों के संपर्क में था।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि श्रीवास्तव के खातों में 300 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन हुआ है, जिनमें से कई खाते गरीब वर्ग के लोगों के नाम पर खोले गए थे। अब यह मामला आयकर विभाग को भी सौंप दिया गया है।
नकली चेक और धमकी से मामला बढ़ा
जब ठगे गए कारोबारी ने पैसे लौटाने की मांग की, तो श्रीवास्तव ने कई चेक दिए लेकिन बाद में उन्हें ‘स्टॉप पेमेंट’ में डाल दिया गया। जब कारोबारी ने विरोध किया, तो आरोपी ने नक्सलियों और नेताओं से संबंध होने का हवाला देकर परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी। इस घटना के बाद पुलिस ने गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर जांच तेज कर दी।
फर्जी दस्तावेज और हवाला से दिल्ली पैसा भेजने के प्रमाण
पुलिस के अनुसार, श्रीवास्तव ने ग्लोमैक्स इंडिया नाम की फर्जी कंपनी बनाकर रावत एसोसिएट्स से ठगी की योजना बनाई थी। फर्जी दस्तावेजों में छत्तीसगढ़ सरकार की मोहर और हस्ताक्षर जैसी चीजें शामिल थीं। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी ने 80 से अधिक ट्रांजैक्शनों में पैसा अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया।
इसके अलावा, ईडी की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी ने नेताओं के काले धन को हवाला के ज़रिए दिल्ली भेजा और उसे वैध बनाया। मामले में अभी कई अन्य बड़े नाम सामने आने की संभावना है।
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