
Mango Festival Raipur -रायपुर में मैंगो फेस्टिवल में दिखा मियाजाकी आम का जलवा, कीमत ₹3.45 लाख प्रति किलो तक, 2000 से ज्यादा किस्में प्रदर्शित
रायपुर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित राष्ट्रीय आम महोत्सव में देश-विदेश के 200 से ज्यादा वैराइटी के आम लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। इस कार्यक्रम की खासियत रही जापान का ‘मियाजाकी’ आम, जिसकी कीमत ₹3.45 लाख प्रति किलो है। यह दुनिया के सबसे महंगे आमों में शुमार होता है। महोत्सव में शामिल 450 से अधिक किसान 2000+ किस्मों के आमों की प्रदर्शनी लेकर आए।

देश-विदेश की दुर्लभ वैराइटी, बस्तर से अफगानिस्तान तक की झलक
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इस महोत्सव में भारत के अलग-अलग हिस्सों के साथ-साथ बस्तर के जंगलों में उगने वाले गोल मटोल देसी आम और अफगानिस्तान व पाकिस्तान की किस्में भी देखने को मिलीं।
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सूरजपुर के किसान राजेंद्र प्रसाद गुप्ता के फार्म में उगाए गए मियाजाकी आम को विशेष सुरक्षा में रखा गया है — जहां दो अल्सेशियन डॉग्स और CCTV कैमरे इसकी रखवाली करते हैं।
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उन्होंने फिलीपींस, थाईलैंड और अफगानिस्तान के आम भी उगाए हैं, जिन्हें वे प्रदर्शनी के लिए रखते हैं, न कि बेचने के लिए।
2 से 15 इंच तक के आम और 56 आम-आधारित व्यंजन
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महोत्सव में आम की 200 से अधिक प्रजातियां और 56 प्रकार के आम से बने व्यंजन शो-केस किए गए।
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आमों का आकार भी ध्यान खींचता है — कहीं 2 इंच का आम तो कहीं 15 इंच तक के विशाल आम प्रदर्शित किए गए हैं।
विवादित नाम ‘हूर पाकिस्तानी’ पर मचा बवाल

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रायपुर की एक संस्था ने एक आम को ‘हूर पाकिस्तानी’ नाम से शो-केस किया, जिसका अर्थ होता है “पाकिस्तान की अप्सरा”।
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आलोचना के बाद इस आम की नेम प्लेट हटा दी गई। संस्था ने कहा कि नाम को लेकर भ्रम था, जबकि चर्चा यह भी रही कि पाकिस्तानी नाम पर आपत्ति जताई गई।
पाकिस्तानी ‘सिंधू’ आम की भी मौजूदगी
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पाकिस्तान के सिंध प्रांत में उगने वाला ‘सिंधू’ आम भी इस प्रदर्शनी का हिस्सा रहा।
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इसमें गुठली बेहद पतली होती है, इसलिए इसे सीडलेस वैरायटी भी कहा जाता है। भारत में भी इस किस्म को काफी पसंद किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने उठाया सबसे बड़ा आम

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कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शिरकत की और सबसे बड़े आम को हाथ में लेकर तस्वीरें खिंचवाईं।
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उन्होंने कहा, “आम वाकई फलों का राजा है। आज मैंने ऐसी किस्में देखीं जो जीवन में पहले कभी नहीं देखीं।”
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उन्होंने बीजापुर की हाथीझुल किस्म की सराहना की, जिसके एक-एक फल का वजन 2 से 4 किलो तक होता है।
विश्वविद्यालय और सरकार का संयुक्त प्रयास
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महोत्सव का आयोजन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और छत्तीसगढ़ शासन के उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी विभाग द्वारा किया गया।
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विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने मुख्यमंत्री को प्राकृतिक रूप से पके आमों की विभिन्न प्रजातियों की टोकरी भेंट की।
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