
Yuktiyuktikaran Counselling News- प्रदेशभर में युक्तियुक्तकरण काउंसलिंग का विरोध, शिक्षक साझा मंच का बड़ा ऐलान
रायपुर, 30 मई 2025 — छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। राज्य के प्रमुख शिक्षक संगठनों ने युक्तियुक्तकरण काउंसलिंग का प्रदेशव्यापी बहिष्कार करने का ऐलान किया है। यह फैसला “शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़” के प्रदेश स्तरीय संचालन मंडल द्वारा लिया गया, जिसमें कुल 23 शिक्षक संगठनों का प्रतिनिधित्व शामिल है।
महासमुंद से शुरू होनी थी काउंसलिंग
ज्ञात हो कि आज से महासमुंद में युक्तियुक्तकरण काउंसलिंग शुरू होनी थी। लेकिन इससे पहले ही प्रदेश स्तर पर इसका तीखा विरोध सामने आ गया है।
शिक्षक साझा मंच की चेतावनी
संगठन ने साफ शब्दों में स्पष्ट किया है कि अब छत्तीसगढ़ के किसी भी जिले में शिक्षक युक्तियुक्तकरण काउंसलिंग में हिस्सा नहीं लेंगे। सभी जिलों में व्यापक स्तर पर इसका विरोध किया जाएगा।
निर्णय के मुख्य बिंदु:
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सभी जिलाध्यक्षों, ब्लॉक अध्यक्षों और जिला संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वे सामूहिक नेतृत्व में काउंसलिंग का बहिष्कार करें।
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किसी भी शिक्षक को काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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संचालन मंडल के सभी सदस्य अपने जिलों में सक्रिय रहकर विरोध का नेतृत्व करेंगे।
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सभी जिलास्तरीय इकाइयों को तुरंत एक्शन मोड में आने के आदेश जारी किए गए हैं।
फैसले में शामिल नेतृत्व:
इस सामूहिक निर्णय का नेतृत्व संगठन के निम्नलिखित वरिष्ठ पदाधिकारियों ने किया:
मनीष मिश्रा, केदार जैन, वीरेंद्र दुबे, संजय शर्मा, विकास राजपूत, कृष्णकुमार नवरंग, राजनारायण द्विवेदी, जाकेश साहू, भूपेंद्र बनाफर, शंकर साहू, भूपेंद्र गिलहरे, चेतन बघेल, गिरीश केशकर, लैलूंन भरतद्वाज, प्रदीप पांडे, प्रदीप लहरे, राजकिशोर तिवारी, कमल दास मुरचले, प्रीतम कोशले, विक्रम राय, विष्णु प्रसाद साहू, धरम दास बंजारे, और अनिल कुमार टोप्पो।
विरोध के पीछे की वजह:
शिक्षक संगठनों ने आरोप लगाया है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और 2008 के सेटअप का पालन नहीं किया जा रहा। इससे न केवल शिक्षक हित प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता भी सवालों के घेरे में है।
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