
Bastar Naxal Status-बस्तर अभी भी नक्सल मुक्त नहीं: बीजापुर, कांकेर सहित 4 जिले अति नक्सल प्रभावित, देखिए पूरे देश की नई सूची
देश में वामपंथी उग्रवाद (LWE) से प्रभावित राज्यों की नई सूची सामने आई है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 9 राज्यों के 48 जिलों को नक्सल प्रभाव के आधार पर चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है। वर्ष 2025 की इस सूची में छत्तीसगढ़, झारखंड और महाराष्ट्र के कुल 6 जिले ‘अति नक्सल प्रभावित’ श्रेणी में शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ के 4 जिले अति नक्सल प्रभावित
नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के चार जिले — बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर और कांकेर — को ‘अति नक्सल प्रभावित’ (Most Affected) जिलों की श्रेणी में रखा गया है। इसका सीधा अर्थ है कि बस्तर संभाग अभी पूर्णतः नक्सल मुक्त नहीं हुआ है।
बस्तर और कोंडागांव गए नई श्रेणी में
हालांकि, बस्तर और कोंडागांव जिलों को अब ‘लीगेसी एंड थ्रस्ट’ कैटेगरी में रखा गया है, जिसका तात्पर्य यह है कि इन जिलों में नक्सल गतिविधियाँ अब अत्यधिक सक्रिय नहीं हैं, लेकिन सतर्कता अभी भी आवश्यक है।
अन्य नक्सल प्रभावित जिले
इसके अतिरिक्त, राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, कबीरधाम और धमतरी जैसे जिलों में भी नक्सली गतिविधियां रिकॉर्ड की गई हैं, हालांकि अब यहां की स्थिति पहले की तुलना में सुधरी है। इन जिलों को ‘नक्सल प्रभावित’ माना गया है लेकिन अति संवेदनशील नहीं।
देशभर के 48 जिले 4 श्रेणियों में विभाजित
LWE द्वारा जारी सूची में 48 जिलों को चार श्रेणियों में रखा गया है:
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पहली, दूसरी और तीसरी श्रेणी: 18 जिले, जहां अभी भी नक्सली सक्रिय हैं और घटनाएं होती रहती हैं।
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चौथी श्रेणी: 28 जिले, जिन्हें ‘लीगेसी एंड थ्रस्ट’ श्रेणी में रखा गया है — जहां स्थिति नियंत्रण में है लेकिन नजर बनाए रखने की आवश्यकता है।
LWE की सूची का उद्देश्य
हर वर्ष गृह मंत्रालय द्वारा LWE सूची जारी की जाती है, जिसमें पिछले एक वर्ष की घटनाओं, विकास कार्यों की प्रगति और सुरक्षा हालातों के आधार पर जिलों को कैटेगरीबद्ध किया जाता है।
भाजपा का दावा और बस्तर IG की सफाई
छत्तीसगढ़ भाजपा के आधिकारिक सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में दावा किया गया कि “बस्तर जिला नक्सल मुक्त हो चुका है।” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बस्तर रेंज के IG सुंदरराज पी ने स्पष्ट किया कि:
“बस्तर और कोंडागांव को चौथी श्रेणी में रखा गया है। यदि भविष्य में इन जिलों का नाम सूची में न हो, तभी इन्हें 100% नक्सल मुक्त माना जाएगा। अभी भी इन्हें अवलोकन काल (Observation Period) में रखा गया है।”
हाल की घटनाएं और स्थिति
IG सुंदरराज ने यह भी बताया कि 2025 में ही कोंडागांव जिले में एक नक्सली मुठभेड़ में मारा गया था। इसका अर्थ है कि इन जिलों में अभी भी पूर्ण शांति की स्थिति नहीं है, हालांकि नक्सल घटनाएं बहुत कम हो चुकी हैं।
Source- Dainik Bhaskar
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