
अजीत जोगी प्रतिमा विवाद -गौरेला में अजीत जोगी की प्रतिमा रातों-रात हटाई गई, वीडियो वायरल: क्षतिग्रस्त अवस्था में नगरपालिका कैंपस में मिली, JCCJ कार्यकर्ताओं का धरना
गौरेला (छत्तीसगढ़) में राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। तीन दिन पहले स्थापित की गई जोगी की प्रतिमा को रविवार देर रात अचानक क्रेन की मदद से हटा दिया गया। यह पूरी घटना CCTV कैमरे में कैद हुई, जिसमें प्रतिमा को रात 2:18 बजे सिर्फ 4 मिनट में हटाया गया।
इस घटना से क्षेत्र में तनाव फैल गया। अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मूर्ति नगरपालिका परिसर में क्षतिग्रस्त हालत में मिली। जानकारी मिलते ही एसडीएम ऋचा चंद्राकर और एसडीओपी दीपक मिश्रा घटनास्थल पर पहुंचे। नगर पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
29 मई को होना था अनावरण
यह प्रतिमा अजीत जोगी की पुण्यतिथि 29 मई को अनावरण के लिए स्थापित की गई थी। लेकिन इससे पहले ही इसे हटा दिया गया, जिससे स्थानीय जनता और जोगी समर्थकों में आक्रोश फैल गया। घटना के विरोध में अमित जोगी और JCC(J) कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए हैं।
प्रतिमा हटाने का आदेश पहले ही दिया गया था
सूत्रों के अनुसार, जब प्रतिमा तीन दिन पहले लगाई गई थी, तब नगरपालिका के CMO नारायण साहू ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने ठेकेदार गणेश कंस्ट्रक्शन को इसे 24 घंटे के भीतर हटाने का निर्देश दिया था।
प्रतिमा की स्थिति और प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रतिमा को जब्त कर नगरपालिका परिसर में रखा गया, लेकिन वह क्षतिग्रस्त हालत में मिली। यह बात सामने आने के बाद प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
अजीत जोगी: जीवन की झलकियाँ और विवाद
अजीत प्रमोद कुमार जोगी छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने गरीब परिवार से निकलकर इंजीनियरिंग, आईपीएस, फिर आईएएस और अंततः राजनीति में ऐतिहासिक सफर तय किया। आइए जानें उनके जीवन के कुछ अनसुने पहलू:
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जन्म: 29 अप्रैल 1946, पेंड्रा, जिला बिलासपुर
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निधन: 29 मई 2020
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रिकॉर्ड: भारत में 12 वर्षों तक कलेक्टर रहने वाले इकलौते अधिकारी
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शौक: घुड़सवारी, तंत्र विद्या, तैराकी, योग, फिल्में
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राजनीति में योगदान: राज्यसभा, लोकसभा सांसद, मुख्यमंत्री और JCC(J) के संस्थापक
जोगी का निजी जीवन
जोगी के जीवन में प्रेम, संघर्ष, और सामाजिक योगदान का मिश्रण रहा। वे जीवनभर जनसेवा में लगे रहे और छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक अलग पहचान बनाए।
जातिगत विवाद
अजीत जोगी की जाति को लेकर विवाद कई वर्षों से चला आ रहा है। वे स्वयं को आदिवासी बताते थे, लेकिन इस पर कई बार कानूनी सवाल खड़े हुए हैं। मामले अब भी उच्च न्यायालयों में लंबित हैं।