
EWS Reservation -छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने EWS आरक्षण पर मांगा जवाब: सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण की मांग पर सुनवाई
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सरकारी सेवाओं में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने को लेकर एक याचिका पर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति अमितेश किशोर प्रसाद की एकल पीठ ने इस मामले में राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर लिखित जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
याचिका में क्या कहा गया?
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि भारत सरकार ने 2019 में EWS वर्ग को 10% आरक्षण देने के लिए संवैधानिक संशोधन किया था और इसके तहत अधिकांश राज्यों ने इस नियम को लागू कर दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी 4 सितंबर 2019 को एक अध्यादेश जारी किया था, जिसमें इस आरक्षण का प्रावधान शामिल था। लेकिन इसके बावजूद अब तक राज्य में EWS आरक्षण को लागू नहीं किया गया है।
हाई कोर्ट का आदेश
अदालत ने राज्य सरकार को इस संबंध में चार सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। साथ ही, याचिकाकर्ता को भी दो सप्ताह के भीतर अपना प्रत्युत्तर दायर करने को कहा गया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि संविधान संशोधन के तहत राज्य सरकार के पास EWS आरक्षण लागू करने का वैधानिक अधिकार है।
संविधान संशोधन की पृष्ठभूमि
12 जनवरी 2019 को भारत के संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन कर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण का अधिकार दिया गया था। इसके पश्चात 19 जनवरी 2019 को केंद्र सरकार ने इसे लागू किया। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इसे अपनाने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन अभी तक इसे प्रभाव में नहीं लाया गया।
याचिकाकर्ता की ओर से उठाई गई मांग
याचिका में मांग की गई है कि छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों की तरह EWS श्रेणी के नागरिकों को सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाए। याचिकाकर्ताओं ने 29 अप्रैल 2024 को इस संबंध में राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
अब मामले में अगली सुनवाई से पहले सरकार को जवाब दाखिल करना होगा, ताकि न्यायालय आगे की कार्रवाई तय कर सके।
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