
युक्तियुक्तकरण में गड़बड़ी: कलेक्टर के पास पहुंची शिकायत, तो मिला अंतिम अल्टीमेटम – जानिए कैसे हो रही गड़बड़ी
मुंगेली, 25 मई 2025 – छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में शिक्षा विभाग की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। कई शिक्षकों और स्थानीय लोगों द्वारा की गई शिकायतों के बाद अब यह मामला जिले के कलेक्टर कुंदन कुमार तक पहुंच गया है। कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग को कड़ी चेतावनी दी है और स्पष्ट किया है कि अब यदि प्रक्रिया में कोई अनियमितता या फर्जीवाड़ा पाया गया तो कानूनी कार्रवाई पहले होगी और विभागीय कार्रवाई बाद में।
क्या है युक्तियुक्तकरण में हो रही गड़बड़ी?
स्थानीय सूत्रों और शिकायतों के अनुसार, शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी युक्तियुक्तकरण के नाम पर नियमों का दुरुपयोग कर रहे हैं। सामने आई मुख्य गड़बड़ियाँ इस प्रकार हैं:
🔹 बच्चों की संख्या में हेरफेर:
कई विद्यालयों में बच्चों की संख्या को जानबूझकर बढ़ाकर दिखाया जा रहा है, ताकि ज्यादा शिक्षक स्वीकृत हो सकें।
🔹 स्कूल की दूरी में अनियमितता:
विद्यालयों की आपसी दूरी को गलत तरीके से दर्शाया जा रहा है, जिससे युक्तियुक्तकरण के मापदंडों का उल्लंघन हो रहा है।
🔹 अतिशेष शिक्षकों को छुपाया गया:
ऐसे शिक्षक जो अन्यत्र समायोजित हो सकते हैं, उन्हें वर्तमान पदस्थापन में ही रोका जा रहा है।
🔹 गैरहाजिर बच्चों को उपस्थिति में दिखाना:
जो बच्चे महीनों से स्कूल नहीं आ रहे हैं, उन्हें भी उपस्थिति में दर्ज कर संख्या बढ़ाई जा रही है।
कलेक्टर का सख्त रुख
कलेक्टर कुंदन कुमार ने स्पष्ट किया कि यह उनकी अंतिम चेतावनी है। उन्होंने कहा:
“युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता न बरती गई, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसी को भ्रम नहीं होना चाहिए कि विभागीय प्रक्रिया के बाद ही कानून लागू होगा – उल्टा होगा।”
उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी चन्द्र कुमार धृतलहरे और डीएमसी प्रभारी अजय नाथ को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे पूरी प्रक्रिया की जवाबदेही सुनिश्चित करें, अन्यथा प्रशासनिक सख्ती तय है। साथ ही BEO और BRC अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में सतर्क रहें।
विभाग में हड़कंप
कलेक्टर की इस सख्ती के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। अधिकारी और कर्मचारी खुद को बचाने में लगे हुए हैं। प्रशासनिक पारदर्शिता की बात करने वाली युक्तियुक्तकरण जैसी प्रक्रिया में गड़बड़ी सामने आना व्यवस्था की साख पर सीधा हमला है।
आगे क्या होगा?
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि:
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क्या DEO और DMC अधिकारियों पर कार्रवाई होगी?
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क्या FIR दर्ज की जाएगी?
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क्या पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जा सकेगी?
एक बात स्पष्ट है कि कलेक्टर की सक्रियता ने युक्तियुक्तकरण को एक बार फिर जनता और मीडिया के विमर्श का विषय बना दिया है।