
Cannes 2025: छत्तीसगढ़ की बेटी जूही व्यास ने धरती की पीड़ा को दर्शाने वाली ड्रेस में बिखेरा जलवा, रेड कार्पेट पर पेश किया खास संदेश
दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में से एक, कान्स फिल्म फेस्टिवल 2025 में इस बार छत्तीसगढ़ की बेटी ने अपनी खास मौजूदगी दर्ज कराई। भिलाई की रहने वाली जूही व्यास ने एक ऐसी ड्रेस में रेड कार्पेट पर कदम रखा, जो ग्लैमर से आगे जाकर पर्यावरण के प्रति एक गहरी चिंता को दर्शा रही थी।
जूही व्यास, जो पर्यावरण संरक्षण संस्था ग्रीनपीस इंडिया के साथ जुड़ी हैं, ने “वॉइस ऑफ द प्लैनेट” अभियान के तहत एक अनोखी ड्रेस पहनकर धरती की पीड़ा को मंच पर उजागर किया। उनके साथ ग्रीनपीस इंडिया की राष्ट्रीय निदेशक मोहिनी शर्मा भी मौजूद थीं। यह ड्रेस केवल फैशन स्टेटमेंट नहीं थी, बल्कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के गंभीर संकट को रेखांकित करने वाला एक संदेश था।
🔹 ड्रेस का डिजाइन और अर्थ
जूही की यह विशिष्ट ड्रेस वियतनाम के मशहूर फैशन डिजाइनर गुयेन टीएन ट्रियन ने तैयार की। इस ड्रेस को बनाने में दो महीने से भी अधिक का समय लगा और इसमें धरती के बढ़ते तापमान, जलवायु असंतुलन और पर्यावरणीय विनाश को दर्शाया गया।
ड्रेस में आग जैसे रंगों और डिजाइन का प्रयोग किया गया, जो जलती हुई पृथ्वी और प्रदूषण के गंभीर प्रभावों की ओर इशारा करता है। यह क्रिएटिव आउटफिट लोगों को सोचने पर मजबूर करता है कि अगर अभी कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाला भविष्य कैसा होगा।
🔹 जूही व्यास: एक प्रेरणादायी सफर
भिलाई की निवासी जूही व्यास का जीवन संघर्षों और उपलब्धियों से भरा रहा है। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर रहीं जूही, दो बच्चों की मां हैं और एक सफल मेकअप आर्टिस्ट एवं मॉडल भी हैं। उन्होंने लगभग 12 वर्ष पहले लेडीज सैलून एंड स्पा की शुरुआत की थी और तब से आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुकी हैं।
-
वर्ष 2022 में जूही ने मिसेज इंडिया इंक प्रतियोगिता में फर्स्ट रनर-अप का खिताब जीता।
-
वर्ष 2023 में अमेरिका के कैलिफोर्निया में आयोजित मिसेज ग्लोब प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया और पीपल्स चॉइस अवार्ड जीतने वाली पहली भारतीय बनीं।
-
वर्ष 2024 में चीन में आयोजित मिसेज ग्लोब प्रतियोगिता में जूरी पैनल में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला होने का गौरव भी उन्हें प्राप्त हुआ।
🔹 भारत की आवाज बनीं
जूही का यह प्रयास न केवल उनके आत्मविश्वास और हुनर का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि फैशन के मंच को सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। उनके इस कदम से छत्तीसगढ़, और खासकर भारत, को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।