
Balodabazar News –
छत्तीसगढ़: जैतखाम तोड़फोड़ की संवेदनशील घटना को एक वर्ष पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक इस मामले की जांच प्रक्रिया अधूरी है। गिरौदपुरी धाम में सतनामी समाज के धार्मिक स्थल में हुई इस घटना को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया था। इस आयोग की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति सीके वाजपेयी कर रहे हैं। हाल ही में बलौदाबाजार में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने जांच की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला।
क्या था मामला?
15-16 मई 2024 की रात को कुछ अज्ञात असामाजिक तत्वों ने गिरौदपुरी धाम स्थित महाकोनी गुफा में स्थापित जैतखाम को नुकसान पहुंचाया था और पूजा स्थल में तोड़फोड़ की थी। इस घटना से क्षेत्र में भारी आक्रोश फैल गया था। सतनामी समाज ने इसका विरोध करते हुए सड़क पर प्रदर्शन और चक्काजाम भी किया था, जिससे मामला राजनीतिक और सामाजिक रूप से भी संवेदनशील बन गया था।
जांच की स्थिति पर न्यायमूर्ति वाजपेयी की टिप्पणी
न्यायिक आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि जांच अभी साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया में है। अब तक दोनों पक्षों की गवाही होना शेष है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच पूर्ण होने से पहले कोई भी निष्कर्ष देना उचित नहीं होगा। आयोग द्वारा शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तैयारी की जा रही है।
जांच की समयसीमा को लेकर क्या कहा गया?
जब उनसे पूछा गया कि जांच पूरी होने में कितना समय लगेगा, तो उन्होंने बताया कि प्रक्रिया अभी जारी है और समयसीमा बताना फिलहाल संभव नहीं है। आयोग की प्राथमिकता निष्पक्ष जांच और साक्ष्यों के आधार पर निष्कर्ष तक पहुंचना है।
जन सहयोग की अपील
न्यायमूर्ति वाजपेयी ने जनता से अपील की कि यदि किसी के पास इस मामले से जुड़ी कोई ठोस जानकारी या साक्ष्य है, तो वह आयोग के समक्ष शपथ पत्र के साथ पेश हो सकता है। इससे जांच में मदद मिलेगी और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सकेगी।
अब सबकी निगाहें रिपोर्ट पर
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच प्रक्रिया कब पूरी होती है और आयोग की रिपोर्ट में क्या निष्कर्ष निकलते हैं। इस रिपोर्ट पर शासन की अगली कार्रवाई और समाज की प्रतिक्रिया निर्भर करेगी।