
Indian Army का स्पष्टीकरण: ‘स्वर्ण मंदिर में एयर डिफेंस गन की तैनाती नहीं की गई थी’
हाल ही में एक पॉडकास्ट में भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा यह दावा किया गया कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के दौरान स्वर्ण मंदिर (श्री हरिमंदिर साहिब), अमृतसर में एयर डिफेंस गन तैनात की गई थी। इस बयान के बाद देशभर में चर्चाएं शुरू हो गईं। हालांकि अब भारतीय सेना ने खुद ही इस दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि दरबार साहिब परिसर में किसी भी प्रकार की एयर डिफेंस प्रणाली नहीं लगाई गई थी।
भारतीय सेना ने यह भी कहा कि हालिया मीडिया रिपोर्टों में जो बातें सामने आई थीं, वे पूरी तरह से तथ्यहीन हैं। रिपोर्टों में दावा किया गया था कि स्वर्ण मंदिर प्रबंधन ने पाकिस्तान की ओर से संभावित ड्रोन या मिसाइल खतरों से निपटने के लिए भारतीय सेना को मंदिर परिसर में एयर डिफेंस गन तैनात करने की अनुमति दी थी। सेना ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया गया।
सेना के वायु रक्षा विभाग के प्रभारी लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने उक्त पॉडकास्ट में यह बयान दिया था, लेकिन सेना ने उनके इस बयान को सिरे से नकार दिया है।
SGPC और गुरुद्वारा प्रबंधन का भी खंडन
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) और स्वर्ण मंदिर प्रबंधन ने भी इन खबरों को झूठा करार दिया है। SGPC के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने साफ शब्दों में कहा कि भारतीय सेना को किसी भी प्रकार की एयर डिफेंस गन तैनात करने की अनुमति नहीं दी गई है।
धामी ने बताया कि भारत-पाक तनाव के मद्देनज़र अमृतसर प्रशासन द्वारा ब्लैकआउट की सलाह दी गई थी, जिसके तहत केवल बाहरी और ऊपरी लाइटें कुछ समय के लिए बंद की गई थीं। यह कदम धार्मिक पवित्रता और मर्यादा को बनाए रखते हुए उठाया गया था।
मुख्य ग्रंथियों का बयान
श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने बताया कि जब कथित ऑपरेशन सिंदूर चल रहा था, उस समय वे विदेश यात्रा पर थे और उनसे इस विषय पर कोई बातचीत नहीं की गई। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर परिसर में एयर डिफेंस गन लगाए जाने जैसा कोई घटनाक्रम नहीं हुआ।
ज्ञानी अमरजीत सिंह ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सेना द्वारा किया गया यह दावा तथ्यहीन और भ्रामक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि न तो SGPC और न ही किसी ग्रंथी द्वारा सेना को ऐसी कोई अनुमति दी गई है।
पवित्रता में कोई बाधा नहीं
ज्ञानी अमरजीत सिंह ने आगे कहा कि श्री हरिमंदिर साहिब के परिसर की धार्मिक गतिविधियों में कोई रुकावट नहीं आई है। चाहे श्री अखंड पाठ साहिबान हो या श्री गुरु रामदास जी का लंगर, सभी रस्में पूरी श्रद्धा और अनुशासन के साथ जारी रही हैं।
उन्होंने कहा कि श्री हरिमंदिर साहिब परिसर की दैनिक रस्में, श्री गुरु रामदास जी का लंगर, श्री अखंड पाठ साहिबान वाले स्थान और अन्य संबंधित गुरु स्थान अनिवार्य हैं, जिनमें किसी को भी किसी भी तरह से बाधा डालने का अधिकार नहीं है और हालिया स्थिति के बावजूद श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में गुरु दरबार की रस्में पूरी निष्ठा और दृढ़ संकल्प के साथ जारी रखी गई हैं।
ब्लैकआउट के दौरान लाइटें बंद करना एक प्रशासनिक सहयोग था
हाल के दिनों में अमृतसर जिला प्रशासन की ओर से शहर में ब्लैकआउट को लेकर निर्देश दिए गए थे। इसके तहत हरिमंदिर साहिब के प्रबंधन ने केवल बाहर और ऊपर की लाइटें समयानुसार बंद की थीं। लेकिन जहां गुरु दरबार की रस्में होती हैं, वहां लाइटें जलाकर श्रद्धा पूर्वक सभी धार्मिक कार्य पूरे किए गए।
ज्ञानी अमरजीत सिंह ने केंद्र सरकार से अपील की है कि इस पूरे प्रकरण पर उचित स्पष्टीकरण जारी किया जाए ताकि पवित्र स्थलों को लेकर भ्रम न फैले और धार्मिक आस्था को ठेस न पहुंचे।