
China Closeness Impact-भारत का बांग्लादेश पर बड़ा फैसला: चीन से बढ़ती नजदीकी पड़ी भारी, व्यापार पर लगी नई पाबंदियां
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के दौरान चीन द्वारा पाकिस्तान का समर्थन खुलकर सामने आया। इस घटनाक्रम के बाद, जहां भारत-पाक संघर्षविराम (Ceasefire) की स्थिति में आ गए हैं, वहीं बांग्लादेश की ओर से चीन के पक्ष में की गईं विवादास्पद टिप्पणियों ने नई हलचल पैदा कर दी है। लेकिन अब यही चीन से बढ़ती नजदीकी बांग्लादेश को भारी पड़ती नजर आ रही है, क्योंकि भारत ने एक सख्त कदम उठाते हुए बांग्लादेश को सीधा झटका दे डाला है।
भारत ने बांग्लादेश के उत्पादों पर लगाया बंदरगाह प्रतिबंध
चीन के साथ बढ़ती साझेदारी के असर अब बांग्लादेश के व्यापार पर दिखने लगे हैं। भारत सरकार ने बांग्लादेश से आयात होने वाले कई उत्पादों के लिए लैंड पोर्ट्स (भूमि बंदरगाहों) पर प्रतिबंध लगा दिया है। 9 अप्रैल को भारत द्वारा दी गई ट्रांसशिपमेंट सुविधा को वापस लेने के बाद यह बड़ा कदम उठाया गया है, जिससे पहले बांग्लादेश को भारत के बंदरगाहों और दिल्ली हवाई अड्डे के माध्यम से पश्चिम एशिया और यूरोप को निर्यात करने की अनुमति मिली हुई थी।
अब भारत ने 17 मई को एक नोटिफिकेशन जारी कर बांग्लादेश से आने वाले कई उत्पादों पर सीधा असर डालने वाला फैसला लिया। इनमें रेडीमेड गारमेंट्स और प्रोसेस्ड फूड उत्पाद भी शामिल हैं।
किन बंदरगाहों पर लगा प्रतिबंध?
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया कि बांग्लादेश से रेडीमेड वस्त्रों का आयात अब केवल मुंबई के न्हावा शेवा और कोलकाता बंदरगाहों के माध्यम से ही होगा। इसके अलावा अन्य सभी लैंड पोर्ट्स से आयात पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। यानी अब बांग्लादेश को अपने सामान के निर्यात के लिए केवल समुद्री मार्ग का ही इस्तेमाल करना होगा।
इस निर्णय में प्रोसेस्ड फूड उत्पादों जैसे कि फल, फ्लेवर्ड ड्रिंक्स, स्नैक्स, चिप्स, कन्फेक्शनरी, प्लास्टिक उत्पाद, कपास अपशिष्ट, रंग और लकड़ी के फर्नीचर जैसे सामानों को भी शामिल किया गया है।
असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय और पश्चिम बंगाल के चंगराबांधा और फुलबाड़ी जैसे लैंड पोर्ट्स से इन उत्पादों का आयात अब संभव नहीं होगा। हालांकि मछली, एलपीजी और खाद्य तेल जैसे उत्पादों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है।
विवादित टिप्पणियों से बिगड़े रिश्ते
भारत द्वारा यह सख्त निर्णय तब आया जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने चीन में भारत के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणियां कीं। अपने दौरे के दौरान उन्होंने दावा किया कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य समुद्र से कटे हुए हैं और उन्हें अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए बांग्लादेश पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने बांग्लादेश को हिंद महासागर क्षेत्र का ‘प्रमुख संरक्षक’ बताते हुए चीन को आमंत्रित किया कि वह बांग्लादेश के मार्गों का उपयोग करे।
यूनुस के इस बयान को भारत ने गंभीरता से लिया और बांग्लादेश से आयात पर बंदरगाह प्रतिबंध लगाकर जवाब दिया। इससे भारत ने यह संकेत भी दे दिया कि किसी तीसरे देश के साथ समीकरणों का असर द्विपक्षीय संबंधों पर जरूर पड़ेगा।
बांग्लादेश को होने वाला नुकसान कितना बड़ा?
भारत के इस फैसले से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है। दोनों देशों के बीच अब तक 93% व्यापार लैंड पोर्ट्स के माध्यम से होता था। भारत के नए नियमों के तहत अब बांग्लादेश को केवल कोलकाता और न्हावा शेवा जैसे सीमित बंदरगाहों से ही निर्यात की अनुमति है, जिससे उसकी लॉजिस्टिक्स लागत में भारी वृद्धि तय है।
उदाहरण के लिए, बांग्लादेश 2023 में रेडीमेड कपड़ों का 38 अरब डॉलर का निर्यात कर चुका है, जिसमें भारत को करीब 700 मिलियन डॉलर का निर्यात शामिल था। अब जब भारत ने लैंड पोर्ट्स पर रोक लगाई है, तो यह सीधा झटका बांग्लादेश की निर्यात नीति को लगेगा और प्रतिस्पर्धात्मकता में गिरावट देखने को मिल सकती है।
Source – Aaj Tak (China Closeness Impact)