
Bullet Train Project:
16 मई 2025 को साबरमती में 42 डिग्री सेल्सियस की गर्मी में देश की पहली हाई-स्पीड ट्रेन परियोजना पर काम लगातार जारी है। यह स्थल रेलवे स्टेशन से मात्र 300 मीटर की दूरी पर स्थित है। अहमदाबाद से मुंबई तक प्रस्तावित इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का यह पहला स्टेशन गुजरात में बन रहा है, जिसके चलते यहां सबसे अधिक कार्य हुआ है।
इस संपूर्ण परियोजना का लगभग 71% कार्य पूरा किया जा चुका है। नर्मदा नदी पर 1.4 किलोमीटर लंबा पुल बनकर तैयार है। यदि सभी कार्य योजना अनुसार चलते हैं, तो 2026 के अंत तक इस ट्रेन का पहला परीक्षण शुरू हो सकता है। इस परियोजना की नींव 14 सितंबर 2017 को रखी गई थी, जबकि इसकी घोषणा 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।
508 किलोमीटर कॉरिडोर में 378 किलोमीटर पिलर का निर्माण

NHSRCL (नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के अनुसार, कुल 508 किमी लंबे कॉरिडोर में से अब तक 378 किमी में पिलर खड़े किए जा चुके हैं। इन पिलरों पर गर्डर स्थापित होंगे, जिन पर ट्रैक बिछाया जाएगा। सूरत से बिलिमोरा सेक्शन में 2026 के अंत तक परीक्षण किया जा सकता है।
गुजरात सेक्शन अंतिम चरण में
गुजरात में 348 किमी लंबे मार्ग का कार्य तेजी से चल रहा है और यह लगभग अंतिम चरण में है। दादरा और नगर हवेली का 4.3 किमी भाग भी लगभग तैयार है। अब तक 272 किमी वायाडक्ट, 24 में से 14 पुल, और राज्य की इकलौती 350 मीटर लंबी सुरंग पूरी हो चुकी है।
सूरत और बिलिमोरा के बीच ट्रैक बिछाने का कार्य शुरू हो चुका है। जापान से लाई गई 25 मीटर की पटरियों को जोड़कर 200 मीटर लंबे रेल पैनल बनाए जा रहे हैं। अब तक 298 पैनल वेल्ड किए जा चुके हैं। 130 किमी ओवरहेड इलेक्ट्रिक उपकरण और 150 किमी नॉइज बैरियर भी लगाए जा चुके हैं।
गुजरात के आठ स्टेशनों में से साबरमती, आणंद/नडियाद, बिलिमोरा और सूरत पर स्ट्रक्चर और स्लैब का काम लगभग पूरा है। सूरत से बिलिमोरा के बीच का पहला 50 किमी सेक्शन अगस्त 2026 तक चालू किया जा सकता है। गुजरात सेक्शन 2027 या 2028 तक पूरा हो सकता है।

महाराष्ट्र में भी काम तेज़ हुआ
मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स से शिलफाटा तक 21 किमी लंबी सुरंग का निर्माण जारी है, जिसमें 7 किमी की समुद्री सुरंग भी शामिल है। ठाणे, विरार और बोईसर में एलिवेटेड स्टेशन, पालघर में NATM तकनीक से सात सुरंगें, और वैतरणा व जगानी नदी पर पुलों का कार्य शुरू हो चुका है।
शुरुआत में महाराष्ट्र में कार्य धीमा था, लेकिन अप्रैल 2024 से L&T कंपनी ने शिलफाटा से गुजरात बॉर्डर तक 135 किमी लंबी दूरी (पैकेज C3) पर निर्माण शुरू कर दिया है। अब L&T कंपनी 469 किमी (92%) हिस्से में सिविल वर्क कर रही है।
बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में 30 मीटर गहराई पर तीन मंजिला स्टेशन का निर्माण हो रहा है, जिसमें 6 प्लेटफॉर्म और मेट्रो कनेक्शन होगा।

जापान से मिल रही ट्रेनिंग और तकनीक
NHSRCL और जापानी एजेंसियों ने मिलकर स्टाफ की ट्रेनिंग शुरू की है। हाल ही में 14 जूनियर मैनेजर्स को जापान भेजा गया है।
इस परियोजना की लागत 1.08 लाख करोड़ से बढ़कर 1.6 से 2 लाख करोड़ तक हो सकती है। उम्मीद है कि 2030 तक प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा।
NHSRCL के MD विवेक कुमार गुप्ता ने जानकारी दी कि ट्रेन 320 किमी प्रति घंटे की गति से चलेगी और मुंबई से अहमदाबाद का सफर 2 से 2.5 घंटे में तय होगा। कुल 12 स्टेशन होंगे, जिनमें से मुंबई स्टेशन भूमिगत होगा, जबकि साबरमती सहित अन्य स्टेशन एलिवेटेड होंगे।
स्टेशनों पर ऑटोमैटिक फेयर गेट, बिजनेस क्लास लाउंज, AC वेटिंग रूम होंगे। प्लेटफॉर्म पर AC नहीं होगा। साबरमती में मल्टी-मॉडल हब तैयार हो चुका है।
भूकंप से सुरक्षा के लिए वॉर्निंग सिस्टम
बुलेट ट्रेन में भूकंप चेतावनी प्रणाली (Earthquake Warning System) लगाई जा रही है, जो जापानी तकनीक पर आधारित है। भूकंप आने पर बिजली सप्लाई तुरंत बंद हो जाएगी और ट्रेन इमरजेंसी ब्रेक लगाकर वहीं रुक जाएगी। इसके लिए 28 सीस्मोमीटर लगाए जाएंगे – 22 रूट पर और 6 उच्च जोखिम वाले स्थानों पर।🔹 नर्मदा पर सबसे लंबा पुल और जापान से ट्रेनें
नर्मदा नदी पर 1.4 किमी लंबा पुल बनकर तैयार है, जिसकी नींव वेल फाउंडेशन तकनीक से बनाई गई है। महाराष्ट्र में 970 मीट्रिक टन वजनी फुल स्पैन PSC बॉक्स गर्डर का निर्माण हुआ है, जो अब तक का सबसे भारी है।
जापान भारत को दो शिंकानसेन ट्रेनें (E5 और E3 सीरीज) फ्री में देगा, जिनका उपयोग 2026 में होने वाले ट्रायल रन के लिए होगा।
Source -Dainik Bhaskar (Bullet Train Project)
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