
Trump Statement About Apple:
भारत में आईफ़ोन निर्माण पर ट्रंप की टिप्पणी: व्यापार समझौते की पृष्ठभूमि में अमेरिका की नई नीति
नई दिल्ली/दोहा, 15 मई 2025। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते को लेकर बड़ा बयान दिया है। क़तर की राजधानी दोहा में व्यापारियों के साथ एक बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अमेरिका से आयात किए जाने वाले उत्पादों पर सभी प्रकार के टैरिफ़ हटाने का प्रस्ताव दिया है।
भारत से मिले “ज़ीरो टैरिफ़” प्रस्ताव का ट्रंप ने किया ज़िक्र
ट्रंप ने दावा किया कि भारत ने उनके देश के सामने एक ऐसा व्यापारिक प्रस्ताव रखा है, जिसमें अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा। हालांकि, भारत सरकार या वाणिज्य मंत्रालय की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत जारी
इस वक्त भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापक व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही है। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “भारत और अमेरिका के बीच यह वार्ता जटिल है। जब तक दोनों पक्षों के हितों का संतुलन नहीं बनता, कोई भी अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सकता। हम किसी भी व्यापार समझौते से यही अपेक्षा रखते हैं कि वह परस्पर लाभकारी हो।”
एपल को लेकर ट्रंप का विरोधाभासी रुख
इसी कार्यक्रम में ट्रंप ने एपल कंपनी के भारत में निर्माण को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने बताया कि उन्होंने एपल के सीईओ टिम कुक से कहा कि वे नहीं चाहते कि एपल भारत में आईफोन बनाए, क्योंकि भारत दुनिया के सबसे ज़्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में शामिल है।
ट्रंप ने कहा, “भारत ने हमारे सामने टैरिफ हटाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन मैंने टिम कुक से साफ कहा कि हमें इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है कि एपल भारत में निर्माण करे। भारत अपना ख्याल खुद रख सकता है। हमने सालों तक चीन में उनके प्लांट को सहन किया है। अब हमें किसी और देश में निर्माण की ज़रूरत नहीं है।”
एपल की भारत में निर्माण योजना
गौरतलब है कि हाल ही में एपल ने आधिकारिक रूप से ऐलान किया था कि वह आईफ़ोन निर्माण का बड़ा हिस्सा चीन से भारत स्थानांतरित कर रहा है। इसके अलावा वियतनाम को एपल वॉच और आईपैड जैसे प्रोडक्ट्स के लिए मुख्य निर्माण केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार शुल्क में राहत
इसी हफ्ते अमेरिका और चीन ने भी आयात शुल्क में कुछ छूट देने पर सहमति जताई है। अमेरिका ने जहां चीन के उत्पादों पर शुल्क को 145% से घटाकर 30% कर दिया है, वहीं चीन ने भी अमेरिका से आयात होने वाले उत्पादों पर टैरिफ 125% से घटाकर 10% कर दिया है।
भारत के व्यापारिक रुख में बदलाव
हाल के वर्षों में भारत का रुख वैश्विक व्यापार समझौतों को लेकर अधिक सकारात्मक हुआ है। पिछले वर्ष भारत ने यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के साथ 100 अरब डॉलर का मुक्त व्यापार समझौता किया था। इसी साल भारत ने ब्रिटेन के साथ भी समझौता किया, जिसमें व्हिस्की और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में शुल्क में भारी कटौती की गई है।
विशेषज्ञों की राय
व्यापार नीति विश्लेषक अजय श्रीवास्तव का मानना है, “ट्रंप हमेशा भारत के उच्च टैरिफ को व्यापार घाटे के लिए दोषी मानते रहे हैं। ऐसे में भारत को ‘ज़ीरो फॉर ज़ीरो’ नीति अपनाते हुए अमेरिका के 90% उत्पादों पर पहले दिन से ही शुल्क हटाने की पेशकश करनी चाहिए। लेकिन पारस्परिकता जरूरी है—दोनों देशों को समान रूप से रियायत देनी होगी।”
निष्कर्ष
हालांकि ट्रंप के बयानों में स्पष्ट राजनीतिक एजेंडा और आर्थिक दबाव की रणनीति झलकती है, लेकिन भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों की मजबूती के संकेत भी मिल रहे हैं। दोनों देश यदि अपने-अपने हितों को ध्यान में रखते हुए संतुलित समझौते पर पहुँचते हैं, तो इससे द्विपक्षीय व्यापार 500 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है।
Source -BBC HIndi