
Chhattisgarh MGNREGA Scam: मनरेगा में 4.20 करोड़ का फर्जी भुगतान, डिजिटल सिग्नेचर घोटाले में PO बर्खास्त
कोरबा, 14 मई 2025 – जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड में मनरेगा योजना के तहत करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। इस प्रकरण में कलेक्टर अजीत वसंत ने कड़ा कदम उठाते हुए कार्यक्रम अधिकारी (PO) को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।
जांच में सामने आया है कि कार्यक्रम अधिकारी एम.आर. कर्मवीर ने अपने अधिकृत क्षेत्र से बाहर जाकर करीब 4.20 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान मनरेगा के तहत जारी कर दिया। जब विभागीय जांच के दौरान उनसे संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो कलेक्टर ने बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया।
डिजिटल सिग्नेचर का हुआ दुरुपयोग
जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला उस समय शुरू हुआ जब कर्मवीर पोड़ी उपरोड़ा में कार्यक्रम अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने न केवल योजनाओं में अनियमितता की, बल्कि पूर्व जनपद सीईओ भुवनेश्वर सिंह राज (जो वर्तमान में डीएमएफ घोटाले में जेल में हैं) के डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर योजनाओं की राशि जारी की।
जब भुवनेश्वर राज का तबादला हो गया और उनकी जगह राधेश्याम मिर्झा को सीईओ नियुक्त किया गया, तब भी कर्मवीर ने पुराने सीईओ के डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग कर वित्तीय लेनदेन किए। जैसे ही सीईओ मिर्झा को इसकी जानकारी हुई, उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के निर्देश दिए।
तबादला कर बचने की कोशिश
जांच शुरू होते ही कर्मवीर ने स्वयं को पोड़ी उपरोड़ा से कटघोरा स्थानांतरित करवा लिया, लेकिन इससे वह जांच की निगाहों से नहीं बच सके। विभागीय जांच में उनका घोटाला सामने आया और वित्तीय रिकॉर्ड खंगालने पर कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए।
भारी भरकम भुगतान की जानकारी
जांच समिति ने पाया कि 12 सितंबर 2022 से 7 नवंबर 2022 के बीच कर्मवीर ने बिना अधिकृत स्वीकृति और बिना सीईओ की अनुशंसा के लाखों रुपये का भुगतान विभिन्न मदों में कर दिया।
इस अवधि में:
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मजदूरी मद में ₹4,20,49,571
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सामग्री मद में ₹9,84,320
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प्रशासनिक मद में ₹33,04,548
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अर्द्धकुशल मजदूरी मद में ₹7,11,046
का भुगतान किया गया, जिनमें से अधिकांश भुगतान बिना विधिवत दस्तावेजी प्रक्रिया के और डिजिटल सिग्नेचर के दुरुपयोग से किए गए थे।
कारण बताओ नोटिस पर नहीं मिला जवाब
कर्मवीर को दो बार कारण बताओ नोटिस भेजकर जवाब देने का अवसर दिया गया, लेकिन उनके उत्तर असंतोषजनक पाए गए। जिसके बाद कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से बर्खास्तगी का आदेश पारित कर दिया।
इस मामले ने मनरेगा के क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और प्रशासन ने अब अन्य विकासखंडों में भी इस तरह की गतिविधियों की जांच तेज कर दी है।
Source – NW News(Chhattisgarh MGNREGA Scam)