
वेटिकन सिटी, 11 मई 2025-
कैथोलिक ईसाई समुदाय के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप लियो ने रविवार को वेटिकन से अपने प्रथम सार्वजनिक संबोधन में वैश्विक शांति का संदेश दिया। उन्होंने दुनिया के शक्तिशाली देशों से “अब और युद्ध नहीं” की मार्मिक अपील की।
अपने संबोधन में पोप लियो ने कहा कि वर्तमान समय में विश्व विभिन्न संघर्षों और हिंसा की घटनाओं से जूझ रहा है, जिससे मानवता को गहरा आघात पहुंचा है। उन्होंने विशेष रूप से यूक्रेन में शांति स्थापना, ग़ज़ा में युद्धविराम, और भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्षविराम की सराहना करते हुए इन्हें सकारात्मक कदम बताया।
पोप लियो ने ग़ज़ा में हो रही हिंसा पर गहरी चिंता जताई और कहा कि उन्हें वहां की घटनाओं से गहरा दुख हुआ है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच एक स्थायी और शांतिपूर्ण समझौते की आशा जताई, ताकि भविष्य में ऐसे संघर्षों की पुनरावृत्ति न हो।
यूक्रेन युद्ध पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने वहां के लिए एक “सच्ची, वास्तविक और दीर्घकालिक शांति” की कामना की। उन्होंने विश्व समुदाय से आग्रह किया कि सभी देश अपनी-अपनी भूमिका निभाएं ताकि युद्ध की विभीषिका को रोका जा सके।
यह पहला मौका था जब पोप लियो ने पोप फ्रांसिस के निधन के बाद कैथोलिक चर्च की सर्वोच्च जिम्मेदारी संभालने के पश्चात जनता को संबोधित किया। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती पोप फ्रांसिस की शांति की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कहा:
“सभी ताकतवर देशों से मेरी अपील है—अब और युद्ध नहीं।”
पोप लियो ने आगे कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध को समाप्त हुए 80 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन आज भी हम दुनिया के अलग-अलग कोनों में ‘छोटे स्तर पर तीसरे विश्व युद्ध’ जैसी त्रासदियों का सामना कर रहे हैं।
इस भावनात्मक और प्रेरक भाषण में पोप लियो ने पूरी दुनिया को एकजुट होकर शांति, मानवता और करुणा के मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
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