1400 Principals Will Be Promoted -छत्तीसगढ़ में प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया 30 अप्रैल को पूरी होने के बाद भी न्यायालयीन अड़चन के चलते अटक गई थी। अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद स्थिति साफ हो गई है। 17 नवंबर से ई-संवर्ग के 1400 से अधिक प्राचार्य पोस्टिंग के लिए काउंसलिंग में शामिल होंगे।
डीपीआई कार्यालय ने प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की तैयारी तेज कर दी है।
काउंसलिंग पूरी होने के लगभग 7 दिनों बाद शासन आदेश जारी करेगा और सामान्यतः आदेश जारी होने के 7 दिनों के भीतर ज्वाइनिंग अनिवार्य होती है।
शिक्षाकर्मियों को प्राचार्य पदोन्नति में शामिल करने की लंबी लड़ाई
शिक्षाकर्मी और एलबी संवर्ग को प्राचार्य पदोन्नति से बाहर रखने की कोशिशों के खिलाफ छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन (CGTA) लंबे समय से संघर्ष कर रहा था।
शासन ने पहले 25% पदों पर शिक्षाकर्मियों को प्राचार्य बनाने का प्रावधान तो किया था, लेकिन इसका क्रियान्वयन नहीं हो सका।
डीपीसी निरस्त, लेकिन वन टाइम रिलेक्सेशन का लाभ नहीं
केवल व्याख्याताओं की पदोन्नति के लिए जारी डीपीसी को CGTA ने निरस्त कराया।
पदोन्नति में 5 वर्ष की जगह 3 वर्ष अनुभव के लिए वन टाइम रिलेक्सेशन की व्यवस्था लागू हुई,
लेकिन एलबी संवर्ग को इसका लाभ नहीं दिया गया।
कानूनी लड़ाई—हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक
शिक्षाकर्मियों को शामिल किए बिना प्रक्रिया शुरू होने पर संजय शर्मा के नेतृत्व में याचिका दायर की गई।
कानूनी लड़ाई कई चरणों से गुजरी—
सिंगल बेंच में पराजय
डबल बेंच में अपील
5 वर्ष अनुभव मान्य न होने पर पुनः याचिका
सुप्रीम कोर्ट तक सुनवाई
मामला पेंडिंग रहा, पदोन्नति रोक दी गई
लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद विभाग इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि एलबी संवर्ग को शामिल किए बिना प्राचार्य पदोन्नति संभव नहीं है।
नई सरकार के बाद प्रक्रिया में तेजी
नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री, तत्कालीन शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी और संचालक दिव्या मिश्रा के साथ लगातार संवाद हुआ।
इसी दौरान—
वरिष्ठता सूची का अंतिम प्रकाशन
डीपीएसी का गठन
ब्लॉक लेवल डेटा वेरिफिकेशन
तेजी से पूरा किया गया।
17 नवंबर से काउंसलिंग: 2:1:1 रेशियो लागू
डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी, आशुतोष चावरे, ए.एन. बंजारा की टीम काउंसलिंग प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रही है।
काउंसलिंग में—
टी संवर्ग जैसे ही नियम
ई-संवर्ग पर भी लागू होंगे
2:1:1 रेशियो लागू होगा
इससे एलबी संवर्ग को बेहतर शाला विकल्प मिलेंगे
CGTA की इस रेशियो व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका रही।
टी-संवर्ग को प्रमोशन के बाद पोस्टिंग; E-संवर्ग का अटका मामला
30 अप्रैल को दोनों संवर्ग—ई और टी—को एक ही नियम के तहत पदोन्नत किया गया था।
टी-संवर्ग को 29 अगस्त को पोस्टिंग मिल गई, लेकिन ई-संवर्ग की फाइल न्यायालयीन और प्रशासनिक कारणों से अटक गई।
इसके कारण हजारों शिक्षक और सैकड़ों स्कूल प्रभावित हुए।
126 पदोन्नत प्राचार्य पोस्टिंग से पहले ही सेवानिवृत्त
30 अप्रैल की पदोन्नति सूची में—
126 प्राचार्य बिना पोस्टिंग ही रिटायर हो चुके हैं
नवंबर महीने में 24 और सेवानिवृत्त होंगे
यह स्थिति शिक्षा विभाग की प्रशासनिक कमजोरियों को उजागर करती है।
10 वर्षों से हाई स्कूल–हायर सेकेंडरी में प्राचार्य की भारी कमी
पिछले एक दशक से राज्य में प्राचार्य पदों पर भारी रिक्तियां हैं।
वर्तमान स्थिति:
80% स्कूल बिना नियमित प्राचार्य के
प्रभारी प्राचार्य या व्याख्याताओं पर निर्भरता
मॉनिटरिंग कमजोर
शैक्षणिक स्तर प्रभावित
प्राचार्य पोस्टिंग से क्या सुधार होगा?
शैक्षणिक गतिविधियों में तेजी
बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी मजबूत
शाला प्रबंधन में सुधार
शिक्षकों की निगरानी और मार्गदर्शन बेहतर
अनुशासन और अकादमिक मॉनिटरिंग प्रभावी
टी और ई संवर्ग का सरल अंतर
E-संवर्ग (Education Cadre / पूर्व शिक्षाकर्मी व एलबी संवर्ग)
इनमें शामिल: पूर्व शिक्षाकर्मी वर्ग 1, 2, 3
पूर्व एलबी शिक्षक
शासनिकृत शिक्षक
DST नियम के तहत शामिल शिक्षक
विशेषताएं:
पहले पंचायत/निकाय के अधीन
संविलियन के बाद नियमित कर्मचारी
पदोन्नति नियम—5 मई 2019 के अनुसार
अनुभव गणना को लेकर लंबे विवाद
T-संवर्ग (Teaching Cadre / नियमित भर्ती वाले शिक्षक)
इनमें शामिल:
शासकीय व्याख्याता
शासकीय शिक्षक/सहायक शिक्षक
CGPSC या अन्य सरकारी भर्ती से आए कर्मचारी
